Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किसी भी दिन हो सकता है. उससे पहले राज्य में चुनावी माहौल बन चुका है. बड़े-बड़े राजनेता लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. इस वक्त गुजरात में मुस्लिम वोट (Muslim Vote) बैंक पर बहस छिड़ी हुई है. कांग्रेस से लेकर आप (AAP) तक में मुस्लिम हिमायती बनने की होड़ लगी है. इस बीच आप को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं कि क्योंकि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जो 53 चुनावी योद्धा अब तक गुजरात की सियासी पिच पर उतारे हैं, उनमें एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है. 


ऐसे में सवाल ये कि क्या केजरीवाल का मुस्लिम प्रेम दिखावा है? क्या गुजराती भाईजान सिर्फ वोट बैंक हैं? जब सियासत के सेंटर में मुसलमान हैं तब गुजराती भाईजान किस पाले में है. इन्हीं सवालों पर मुस्लिम मिजाज की नब्ज टटोलने एबीपी न्यूज़ जमालपुर खाड़िया पहुंचा, जिसे मुस्लिम मतों का केंद्र माना जाता है. 


9 सीटों पर मुस्लिम वोटर किंग मेकर


गुजरात की जिन 53 सीटों पर केजरीवाल कैंडिडेट फाइनल कर चुके हैं. उनमें 9 सीट ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर किंग मेकर के रोल में हैं. कैसे ये भी समझिए. मांडवी सीट पर करीब 30 फीसदी मुसलमान हैं. भुज में 31 फीसदी मुस्लिम मतदाता है. पाटन में 24 फीसदी, दाणीलीमणा में 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं. वंकानेर सीट पर करीब 33 फीसदी, धोराजी में करीब 21 फीसदी, जामनगर उत्तर में करीब 20 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं जबकि मंगरोल में 29 और महुधा सीट पर करीब 24 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं. 


आप ने अब तक एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा


गुजरात में टीम केजरीवाल मुस्लिम हिमायती होने का दावा ठोकती है, लेकिन केजरीवाल की 53 कैंडिडेट की लिस्ट में जब एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं मिली. ऐसे में गुजरात में जमीन तलाश रही कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा मिल गया. कांग्रेस विधायक जावेद पीरजादा ने कहा कि जैसे बीजेपी किसी मुसलमान को टिकट नहीं देती वैसे ही आम आदमी पार्टी बीजेपी का छोटा रिचार्ज है, वो भी टिकट नहीं देगी. अगर वो टिकट भी देंगे तो ऐसी जगह देंगे जहां मुस्लिम कैंडिडेट कभी जीत ही नहीं सकता या तो जहां मुस्लिम कैंडिडेट जीत रहा है उसके वोट बिगाड़ने के लिए वो टिकट देंगे. 


कैसा रहा है इन 9 सीटों का इतिहास


केजरीवाल टीम जिन 53 सीटों पर जीत की मुनादी कर रही है. उनकी 9 मुस्लिम बहुल सीटों के चंद साल पहले के मुस्लिम मूड की टेस्टिंग करें तो नतीजे चौंकाने वाले रहे. साल 2012 में इन 9 सीट में से 4 बीजेपी ने जीतीं जबकि 5 सीट कांग्रेस के खाते में गई थी. इसी तरह 2017 के चुनाव नतीजों पर गौर करें तो 3 सीट पर बीजेपी जीतीं जबकि 6 सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था. 


क्या कहना है मतदाता का?


सियासी बिसात की समझ मुसलमानों को भी है. ऐसे में जब अबकी बार आप और मजलिस की एंट्री गुजरात में हो चुकी है तब किसे मुस्लिम वोट बैंक का बेनिफिट मिलेगा और क्यों इसका भी जवाब मिला. जमालपुर में घूमते हुए एक खास बात नजर आती है. यहां पर छतरियां लगी हुई हैं ओवैसी की पार्टी AIMIM की. इसमें लिखा है पतंग का निशान सुरक्षा और सम्मान. स्थानीय निवासी जावेद ने कहा, "मोदी साहब ही आएंगे, 100 फीसदी आएंगे. केजरीवाल तो बहुत आते हैं, बहुत जाते हैं. इस चीज में हमारी कोई रूचि नहीं है. हमारे लिए मोदी साहब बेस्ट हैं. वजह ये है कि देखो अपने इंडिया को वो कहां से कहां तक ले गए. हर चीज है, मोदी साहब बेस्ट हैं." 


जमालपुर में काफी पतंग भी बनती है. एबीपी न्यूज ने पतंग बनाने वाले एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद हासिम ने कहा, "यहां किसकी पतंग कटेगी और किसकी उड़ेगी, इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हमारा काम वोट देना है वो देते हैं. हमें मजबूत सरकार बनानी है चाहे वो बीजेपी हो, चाहे वो पतंग वाली हो, चाहे वो झाडू वाला हो. हमें तो नया कैंडिडेट लाना है, जो काम करके देगा उसी को वोट देंगे." 


जमालपुर को माना जाता है कांग्रेस का गढ़


जमालपुर खाड़िया सीट 2008 में वजूद में आई थी. पहले जमालपुर और खाड़िया अलग-अलग सीट थी. जमालपुर को कांग्रेस का अजेय गढ़ माना जाता था, लेकिन 2012 में जब जमालपुर खाड़िया पर पहला चुनाव हुआ तो बाजी बीजेपी के अशोक भट्ट ने मारी. हालांकि 2017 में मुस्लिम बहुल सीट कांग्रेस के खाते में गई. इमरान खेड़ावाला यहां के मौजूदा विधायक हैं. 


कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा कि गुजरात के अंदर दो पार्टियां लड़ने आई हैं. उनके पीछे का बैकग्राउंड देखिए तो सबको पता है कि किसका समर्थन करने के लिए आए हैं. इनके बयान देखिए, सीधा फायदा बीजेपी को होता है. ये हम ही नहीं लोग भी कहते हैं कि दोनों पार्टियां जो लड़ रही हैं गुजरात के अंदर वो सीधा बीजेपी की बी-टीम की तरह ही लड़ रही हैं. वो बीजेपी को फायदा करवाने के लिए आई हैं. केजरीवाल ने अभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो अल्पसंख्यकों के लिए हो. उन्होंने जो भी बात की राजनीतिक की, आते हैं और चले जाते हैं. लोग समझ गए हैं कि वो किस सोच के आदमी हैं. 


क्या कहा आप नेता ने?


खैर सियासत का ये पुराना उसूल है. चुनावी रण में इल्जामों की मिसाइलें चलना भी आम बात है, लेकिन जैसे इल्जाम टीम केजरीवाल के मुस्लिम प्रेम पर हैं. उनकी तस्दीक करना भी जरूरी था. इस पर जमालपुर में आम आदमी पार्टी से टिकट के दावेदार लतीफ रंगरेज ने कहा कि पार्टी ने अभी तक 53 टिकट दी हैं. दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी ने अल्पसंख्यकों को टिकट दी थी. यहां पर 7 से 8 टिकट देगी. कई लोग टिकट मांग रहे हैं, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) गुजरात (Gujarat) में 8 से 10 लोगों (मुस्लिम) को टिकट देने वाली है, ये पक्का है. बहरहाल, लतीफ रंगरेज ने जो दावा किया है वो सही है या गलत, और गांधीनगर की गद्दी पर मुसलमान किसे देखना चाहते हैं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. 


ये भी पढ़ें- 


Arvind Kejriwal Gujarat Visit: गुजरात में केजरीवाल को देख कुछ लोगों ने लगाए 'मोदी-मोदी के नारे, फिर सीएम ने दिया ये जवाब