Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बोरेजगारी, महंगाई, पानी, गुजराती अस्मिता, राष्ट्रवाद समेत कई मुद्दे हैं जिनकी गूंज चुनावी माहौल में दिख रही है. चुनाव के तारीख का ऐलान तो अभी नहीं हुआ है लेकिन सभी पार्टियों ने जीत के लिए मेहनत करनी शुरू कर दी है. ऐसे में आइए एक-एक कर जान लेते हैं उन मुद्दों को जिनकी बात राजनीतिक पार्टियां कर रही हैं.
महंगाई
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले महंगाई को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस बढ़ती महंगाई के लिए राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है. हालांकि बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है और उज्जवला योजना के लाभार्थियों के लिए दो मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा की है.
बेरोजगारी
युवाओं को रोजगार मिले ये सभी राजनीतिक दलों के चुनावी वादों में शामिल होती हैं. इस बार भी नौकरी का मुद्दा छाया हुआ है. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने राज्य में 1 लाख सरकारी नौकरी का वादा किया है. इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी ने गूजरात के मूल निवासियों के लिए नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण का भी वादा किया है.
पानी की किल्लत
गुजरात में पानी की समस्या कोई नई नहीं है. यहां पानी की किल्लत रहती है. हालांकि नर्मदा बांध परियोजना से राहत मिली है, पर पानी का मुद्दा अभी भी राज्य में काफी अहम है.
गुजराती अस्मिता
बीजेपी अक्सर गुजराती गौरव के नाम पर वोट मांगती है. गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है. ऐसे में ये मुद्दा कई बार बाहरी बनाम अंदर का कौन है ये भी हो जाता है और इस तरह गुजराती अस्मिता के मुद्दे पर विपक्ष कहीं बैकफुट पर दिखती है.
बीजेपी ने दावा भी किया है कि इस चुनाव में कांग्रेस द्वारा 1985 में बनाए गए 185 सीटों के रिकॉर्ड को वो तोड़ देगी. हालांकि दो दशकों की सत्ता विरोधी लहर, राज्य के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह और पीएम मोदी जैसे करिशमाई नेता का अभाव पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाएगा ये आने वाला वक्त ही बताएगा.