Gujarat Assembly Election 2022: 2017 में गुजरात में तीसरे नंबर पर NOTA, क्या AAP के चुनाव लड़ने से बदलेगा गुजरात का सियासी समीकरण
पिछली विधानसभा में गुजरात के 3 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 5.51 लाख यानी 1.84 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को चुना था.
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानभा चुनावों की तारीखों का एलान हो गया है. एक और पांच दिसबंर को राज्य में वोटिंग होगी. आठ को नतीजे आएंगे. इसी बीच अब सभी पार्टियां चुनावी गणित साधने में लग गई हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में वोटों के क्या समीकरण रहे थे इसपर सभी का ध्यान है.
साल 2017 में हुए विधानसभा में कई दिलचस्प आंकड़ें हैं जो इस बार गुजरात विधानसभा चुनाव को काफी रोमांचक बनाएंगे. आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने की वजह से पहले ही राज्य में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
2017 के चुनावों की बात करें तो गुजरात की 182 सीटों में से 115 पर और हिमाचल प्रदेश की 68 सीटों में से 12 सीटों पर ईवीएम मशीन पर नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) के विकल्प तो तीसरे नंबर पर सबसे अधिक चुना गया था.
इस बार राज्य में आम आदमी पार्टी के चुनाव में दोनों राज्यों में पैठ बनाने की कोशिशों को देखते हुए यह प्रवृत्ति महत्वपूर्ण हो जाती है. सवाल है कि क्या ऐसे में राज्य में लोग आप को एक विकल्प के तौर पर देख रहे हैं.
पिछली विधानसभा में गुजरात के 3 करोड़ मतदाताओं में से लगभग 5.51 लाख यानी 1.84 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा को चुना था. हिमाचल में 37.84 लाख मतदाताओं में से 34,232 यानी 0.90% मतदाताओं ने ऐसा किया था.
गुजरात में, नोटा का कुल वोट शेयर भाजपा (49.05%) और कांग्रेस (41.44%) के बाद तीसरा सबसे अधिक (1.84%) था. उस वर्ष हिमाचल चुनावों में, नोटा का वोट शेयर भाजपा (48.79%), कांग्रेस (41.68%) और सीपीआई (एम) (1.47%) के बाद चौथा सबसे अधिक (0.90%) था.