25 सालों से गुजरात की सत्ता में काबिज रहने वाली बीजेपी को पहली बार न सिर्फ कांग्रेस बल्की आम आदमी पार्टी की तरफ से भी अपने गढ़ में चुनौती मिल रही है. बीजेपी के सामने न सिर्फ अपनी जीत सुनिश्चित करने की चुनौती होगी बल्कि उसे अपना साल 2017 का प्रदर्शन भी सुधारना होगा जहां उसे सिर्फ 99 सीटों पर संतोष करना पड़ा था.
गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि दिल्ली के बाद आम आदमी पार्टी ने जिस तरह पंजाब में सरकार बनाई है उसको देखकर बीजेपी आप को हल्के में नहीं लेना चाहेगी. हालांकि कई लोगों का कहना है कि आप के चुनाव लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा न कि बीजेपी हो. अब क्या होता है ये तो आने वाला वक्त तय करेगा लेकिन आपको बता दें कि क्यों आम आदमी पार्टी इस बार बीजेपी -कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ सकती है.
तीसरे खिलाड़ी के आने से नतीजे किसी भी ओर जा सकते हैं
आम आदमी पार्टी के आने से गुजरात चुनाव इसलिए दिलचस्प हो गया है क्योंकि यहां पिछले चुनाव में 35 सीटों पर जीत का अंतर बेहद कम था. 35 विधानसभा सीटें ऐसी थीं जहां जीतने वाले और हारने वाले उम्मीदवारों के बीच महज 1 से 5 हजार वोटों का अंतर था.
जीत-हार का अंतर
महज एक हजार वोटों के अतंर से जिन सीटों पर जीत-हार तय हुई थी उन सीटों की कुल संख्या सात रही थी. इन सात सीटों में से तीन बीजेपी तो वहीं चार कांग्रेस ने जीती थी.
1000 से दो हजार वोटों के अतंर से जिन सीटों पर जीत-हार तय हुई थी उन सीटों की कुल संख्या 9 थी. इन 9 सीटों में से तीन बीजेपी तो वहीं पांच कांग्रेस ने जीती थी.एक एनसीपी के खाते में गई थी.
दो हजार से तीन हजार वोटों के अतंर से जिन सीटों पर जीत-हार तय हुई थी उन सीटों की कुल संख्या 11 थी. इन 11 सीटों में से आठ बीजेपी तो वहीं तीन कांग्रेस ने जीती थी.
तीन हजार से चार हजार वोटों के अतंर से जिन सीटों पर जीत-हार तय हुई थी उन सीटों की कुल संख्या 6 थी. इन 6 सीटों में से पांच बीजेपी तो वहीं एक कांग्रेस ने जीती थी.
चार हजार से पांच हजार वोटों के अतंर से जिन सीटों पर जीत-हार तय हुई थी उन सीटों की कुल संख्या 2 थी. इन 2 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.
अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी के आने से गुजरात चुनाव में क्या नतीजों में बड़ा फेरबदल होता है या नहीं. हालांकि रोमांचक मुकाबला होगा ऐसा सभी राजनीतिक विश्लेषक कह रहे हैं.
गुजरात में चुनाव कब होंगे इसकी जानकारी अभी चुनाव आयोग की तरफ से नहीं किया गया है. हालांकि हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को वोटिंग होगी और दोनों राज्यों के नतीजे आठ दिसंबर को एक साथ जारी किए जाएंगे.