Gujarat Assembly Elections 2022: भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार (7 नवंबर) को जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन की घोषणा की है. बीटीपी के संस्थापक छोटू वसावा ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) गुजरात में चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
बीटीपी संस्थापक वसावा ने संवाददाताओं से कहा, "बीटीपी और जेडीयू पुराने दोस्त हैं और इसलिए हमने चुनाव पूर्व गठबंधन करने का फैसला किया है. हम उनकी मदद करेंगे और वे हमारी मदद करेंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के लिए गुजरात जाएंगे. हमारा लक्ष्य वर्तमान (बीजेपी) शासन को उखाड़ फेंकना है."
बीटीपी ने आम आदमी पार्टी से तोड़ा था गठबंधन
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब बीटीपी ने 12 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा की, जिसमें अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नौ सीटें शामिल हैं. गत सितंबर में, बीटीपी ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ अपना चार महीने पुराना चुनाव पूर्व गठबंधन यह आरोप लगाते हुए तोड़ दिया था कि भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को बीटीपी को हराने के लिए भेजा है.
पिछले चुनाव में जीती थीं दो सीटें
बीटीपी ने गुजरात में 2017 के चुनावों में दो सीटें जीती थीं. छोटू वसावा जहां भरूच में झगडिया सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं उनके बेटे एवं बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा नर्मदा जिले के डेडियापडैन से विधायक हैं. गुजरात जेडीयू अध्यक्ष विश्वजीत सिंह ने कहा, "छोटूभाई अतीत में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष थे. हम भाई हैं जो एक बार फिर साथ आए हैं. नीतीश कुमार के अलावा, जेडीयू के अध्यक्ष ललन सिंह और वरिष्ठ नेता के सी त्यागी भी गुजरात में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे. आने वाले दिनों में टिकट वितरण को अंतिम रूप दिया जाएगा."
छोटू वसावा पहले थे जेडीयू में
एक अनुभवी आदिवासी नेता छोटू वसावा 1990 से 2017 तक जेडीयू (JDU) के साथ थे. उन्होंने नीतीश कुमार के बीजेपी (BJP) के साथ गठबंधन करने के बाद पार्टी छोड़ दी और 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले बीटीपी का गठन किया. उन्होंने इससे पहले 2020 में गुजरात पंचायत चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के साथ और इस साल आप के साथ चुनावी गठबंधन किया था. हालांकि वसावा ने आप (AAP) से नाता तोड़ लिया और दावा किया कि केजरीवाल बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं.
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