Gujarat Assembly Elections 2022: नंदोद विधानसभा पर BJP को क्या डर सता रहा है, यहां जानिए
नांदोड विधानसभा सीट और इसकी पहचान की वजह है सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी. यह सीट नर्मदा ज़िले के अंतर्गत आती है. फिलहाल यहां पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के लोग अधिक संख्या में हैं.
Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात में सियासी हलचल काफी तेज़ हो चुकी है. पहले चरण की वोटिंग में अब 10 दिन से कम समय बचा है. गुजरात में एक ऐसी विधानसभा सीट है जिसकी पहचान न केवल देश में बल्कि विदेशो में भी है. यह है नांदोड विधानसभा सीट और इसकी पहचान की वजह है सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी. यह सीट नर्मदा ज़िले के अंतर्गत आती है. फिलहाल यहां पर कांग्रेस का कब्ज़ा है. इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय के लोग अधिक संख्या में हैं.
दुनिया की सबसे ऊंची सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2018 को किया था. इसका अनावरण सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में किया गया था.
इस क्षेत्र में 2 लाख 34 हजार 242 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 19 हजार 349 पुरुष और 1 लाख 14 हजार 892 महिला मतदाता हैं. इस क्षेत्र में तडवी, वसावा, भील जाति के मतदाता का प्रभाव काफी ज्यादा है. इनकी आबादी 1 लाख 46 हज़ार से अधिक है. जबकि ब्राह्मण, पाटीदार और अन्य की संख्या 32 हजार के करीब है. इस सीट पर आदिवासी और लघुमति मतदाता हार-जीत का निर्णय करते हैं. मतदाता समीकरण को देखते हुए हर पार्टी इस सीट पर तड़वी या वसावा समाज का प्रत्याशी चुनाव के मंच पर उतारती है.
मूर्ति के निर्माण ने गुजरात के नर्मदा जिले के 72 गांवों के 75,000 आदिवासियों को प्रभावित किया है, जैसा कि एनडीटीवी ने 20 अक्टूबर, 2018 की रिपोर्ट में बताया है. इन गांवों में से 32 सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. आदिवासी समुदाय अपने हक़ के लिए लड़ाई लड़ते हुए नज़र आ रही है. उनका क्षेत्र स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास आता है. यही कारण है कि बीजेपी को डर है कि कहीं इस क्षेत्र के नाराज लोग उनके प्रत्याशी को वोट नहीं करें. हालांकि कहा जाता है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण से यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार का मौका भी ख़ूब मिला है.