(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat Assembly Elections 2022: पाटीदार, प्रजापति, कोली, जैन, किस समाज का कितनी सीटों पर प्रभाव, यहां जानिए
Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात की राजनीति में पाटीदार हमेशा से एक अहम भूमिका में रहे हैं. पाटीदारों के अलावा भी कई समुदाय के लोग गुजरात में विधानसभा सीटों पर जीत हार तय कर सकते हैं. आइए जानते हैं किस समाज का कितनी सीटों पर प्रभाव है.
Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दल जातियों और अलग-अलग समुदायों के वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए हैं. बीजेपी, कांग्रेस, आप या एआईएमआईएम कोई भी दल हो, सभी दलों को अच्छे से पता है कि अगर गुजरात की सत्ता में काबिज होना है तो पाटीदार, कोली, अहीर, ब्राह्मण और ठाकोर समेत अन्य समाजों के वोट बेहद महत्वपूर्ण हैं. इनमें से कोई भी समुदाय अगर नाराज होता है तो पार्टी प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, इसलिए कहते हैं कि राजनीतिक पार्टियों के लिए सामाजिक राजनीति को समझाना काफी जरूरी होता है. आइए देखते हैं कि कितनी सीटों पर गुजरात के अलग-अलग समुदाय के लोगों का प्रभाव है.
पाटीदार समाज : गुजरात की राजनीति में पाटीदार हमेशा से एक अहम भूमिका में रहे हैं. ये समुदाय खुद को भगवान राम का वंशज बताता है. सौराष्ट्र के ग्यारह जिलों के अलावा इनका सूरत में भी अच्छा ख़ासा प्रभाव है. पाटीदार का प्रभाव राज्य की 48 विधानसभा सीटों पर है.
प्रजापति समाज :इनका प्रभाव 42 सीटों पर है. इनकी आबादी करीब पचपन लाख के आस-पास है.
कोली समाज : पैंतालीस सीटों को इनका गढ़ कहा जाता है.
जैन समाज : यह एक छोटी आबादी वाला समाज है. जैन समाज के वोटर्स दस से पंद्रह सीटों पर अच्छी संख्या में हैं.
क्षत्रिय समाज : इनकी नौ सीटों पर पकड़ काफी बढ़िया है. करणी सेना ने अपने एक सम्मेलन में ऐलान किया था कि गुजरात में उसे आबादी के आधार पर सौराष्ट्र, उत्तरी गुजरात, मध्य और दक्षिण गुजरात के साथ-साथ कुल पच्चीस से तीस सीटों पर टिकट मिलना चाहिए.
अहीर समाज : इस समाज के वोटर्स की स्थिति छह सीटों पर अच्छी खासी है.
ब्राह्मण समाज : ब्राह्मण समाज की चार से पांच सीटों पर अच्छी तादाद में संख्या है.
ठाकोर समाज : उत्तर गुजरात में ठाकोर समाज ने बीजेपी से दस सीटों पर और कांग्रेस से मेहसाणा समेत आठ सीटों पर टिकट मांगा. जिन सीटों पर पाटीदारों का दबदबा है, उन सीटों पर ठाकोर समाज ने टिकट की मांग की है. इनका असर 25 सीटों पर है.
अन्य समाज: अन्य छोटे समाजों में वंजारा समाज, माली समाज, भोई समाज, राणा समाज, खारवा, मेर, वाघेर समाज के लोगों भी हैं जो किसी भी प्रत्याशी की हार-जीत में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.