(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
गुजरात चुनाव: युवा ही नहीं बुजुर्ग मतदाताओं में भी जबर्दस्त उत्साह, 104 साल की गंगाबेन और 100 साल की कमुबेन ने डाला वोट
Gujarat Assembly Polls 2022: 104 वर्षीय गंगाबेन ने आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.100 वर्षीय कमुबेन लालाभाई पटेल ने भी उमरगाम में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.
Gujarat Assembly Polls 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को चोर्यासी विधानसभा के सचिन की रहने वाली 104 वर्षीय गंगाबेन ने वोट डाला. वो सबसे उम्रदराज महिला मतदाता हैं. उनके अलावा 100 वर्षीय कमुबेन लालाभाई पटेल ने भी उमरगाम में अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. राज्य में पहले चरण के मतदान के बीच कई वरिष्ठ नागरिक अपना वोट डालने के लिए निकल रहे हैं. बता दें कि 89 सीटों के लिए गुजरात में आज मतदान चल रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार गुजरात में 9.8 लाख वरिष्ठ नागरिक मतदाता हैं.
वोटिंग के लिए युवा से लेकर बुजुर्ग मतदाताओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है. इस बार विधानसभा चुनाव के 80 से 100 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ख़ास बंदोबस्त किया गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें मतदान केंद्र में पहुंचने में कोई दिक्कत न हो. इच्छुक बुजुर्ग मतदाताओं को मतदान केंद्र पर लाया जाएगा और मतदान के बाद घर वापस भी भेजा जाएगा. कोई मतदान केंद्र पर ना आ सके, तो चुनाव अधिकारी उनके घर जाएंगे और उन्हें वोट देने की सुविधा मुहिया करवाएंगे. इसके लिए एक फॉर्म भरना होगा. फॉर्म भरने की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी.
पहले चरण में सुबह 11 बजे तक 18.95% मतदान दर्ज किया गया है. सबसे कम मतदान सूरत की कतारगाम सीट पर हुआ. आप के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया यहाँ से चुनाव के मंच पर उतरे है. गुजरात में बाकी बची हुई 93 सीटों पे मतदान दुसरे चरण यानी ५डेम्बर को होने वाले है. चुनाव के परिणाम 8 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ आयेगें.
यह 10 सीटें किसी भी पार्टी के नजरिए से हैं महत्वपूर्ण
1.खंभालिया- आप ने गुजरात में इतिहास दोहराने के लिए खंभालिया सीट से सीएम चेहरे के प्रत्याशी इसुदान गढ़वी को चुनावी मैदान में उतारा है. जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के विक्रम मदाम और बीजेपी के वयोवृद्ध मुलु बेरा से होगा. यदि इस सीट के जातिय समीकरण की बात करें तो यहां अहिरों का वर्चस्व है और हर बार यहां अहिर समुदाय का नेता ही विधायक बनता है. इसलिए इसुदान गढ़वी के लिए यह कड़ा मुकाबला रहने वाला है. सिर्फ 1967 में कोई गैर अहिर समुदाय का व्यक्ति यहां से नेता बना था.
2. घाटलोदिया- अहमदाबाद जिले की घाटलोदिया सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है क्योंकि इस सीट ने गुजरात को दो मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और आनंदीबेन पटेल दिए है. इसलिए इस बार बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को ही दावेदारी सौंपी है. हालांकि यहां पाटीदार समुदाय की बहुलता है.
3. सूरत- सूरत विधानसभा में आप, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिलेगी. 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 77 सीट जीत कर बीजेपी को 99 तक ही सीमित कर दिया था. इसके अलावा यहां के नगर निकाय चुनाव में आप के भी 27 प्रत्याशी नगरसेवक बने हैं, इसी वजह से आप की अनदेखी इस सीट पर नहीं की जा सकती है.
4. वीरमगाम- पाटीदार आंदोलन के प्रमुख नेता हार्दिक पटेल इस सीट से बीजेपी की ओर से चुनावी मैदान में उतरे हैं लेकिन 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर 75 हजार वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. इसलिए इस बार कांग्रेस ने दावेदार न बदलते हुए लखाभाई भारवाड़ को ही टिकट दिया है. वहीं आप ने कुवरजी ठाकोर को दावेदारी सौंपी है. वीरमगाम में आप, कांग्रेस और बीजेपी के बीच टक्कर होने की पूरी उम्मीद है.
5. मोरबी- मोरबी लंबे समय से भाजपा का गढ़ रहा है, पार्टी ने 1995 से 2012 तक लगातार सीट जीती थी. मोरबी में अच्छी खासी पाटीदार आबादी है, इसलिए पाटीदार आंदोनल के कारण कांग्रेस को अच्छे वोट तो मिले थे लेकिन वह बीजेपी के उम्मीदवार कांति अमृतिया से मात्र 3 हजार 419 वोटों के अंतर से हार गए थे.
6. मानीनगर- साल 1990 से यह सीट बीजेपी के कब्जे में है. इसी सीट से जीत कर पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने 2002, 2007 और 2014 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल बीजेपी के सुरेश पटेल मानीनगर से नेतृत्व कर रहे हैं.
7. गोधरा- गोधरा विधानसभा के क्षेत्र में 2 लाख 79 हजार मतदाता हैं जिसमें से 72 हजार मतदाता मुस्लिम है इसलिए यहा के नगर निकाय चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को 7 सीटें हासिल हुई थी. हालांकि गोधरा के विधायक बीजेपी के सी.के राउलजी हैं.
8. उत्तर जामनगर- गुजरात चुनावों में यह सीट काफी चर्चा में है क्योंकि यहां से बीजेपी ने पहली बार चुनाव लड़ रही क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को टिकट दिया है जिनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के बिपेंद्रसिंह जडेजा से होगा. बिपेंद्रे सिंह के चुनाव प्रचार के लिए रवींद्र जडेजा की बहन और कांग्रेस महिला विंग की प्रमुख नयनाबा जडेजा कर रही हैं.
9. दानीलिम्दा- कांग्रेस के लिए दानीलिम्दा सीट बेहद अहम है क्योंकि यह एक अनुसूचित जाति आरक्षित सीट है और कांग्रेस ने इसे 2012 में 14 हजार वोटों से, 2017 में 32 हजार वोटों के अंतर के साथ जीता था. लेकिन इस बार के चुनाव में कांग्रेस को बीजेपी, आप और एआईएमआईएम के दावेदारों से चुनौती मिल सकती है.
10. द्वारका- बीजेपी के लिए द्वारका सीट जीतना आसान नजर आ रहा है क्योंकि इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी पबुभा मानेक कभी भी नहीं हारे हैं. वह लगातार इस सीट से 1990 से 7 बार जीते हैं. इस सीट पर अहिर समुदाय के लोगों की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा यहां ओबीसी, सत्वरस समूह और मानेक समुदाय के लोग तीसरे स्थान पर हैं.