Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारी अब लगभग पूरी हो चुकी है. सभी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार सियासी मैदान में उतार दिए हैं. राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव में 4.90 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डालने के पात्र हैं. पहले चरण के मतदान से पहले आज शाम प्रचार अभियन थम जाएगा. एक दिसंबर को पहले चरण के लिए 89 सीटों पर वोटिंग होगी.
बता दें कि गुजरात में लगभग 50 प्रतिशत मतदाताओं की संख्या के बावजूद, गुजरात विधानसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संख्या बहुत उत्साहजनक नहीं है. राज्य की 182 सीटों पर कुल 1,621 दावेदारों में महिलाओं उम्मीदवारों की संख्या 139 ही है.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बहुत कम महिलाओं को टिकट दिया है, लेकिन फिर भी इस बार उनके द्वारा मैदान में उतारे गए ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 2017 के विधानसभा चुनाव की तुलना में अधिक है. बीजेपी ने 2017 में 12 के मुकाबले इस बार 18 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. वही कांग्रेस ने 14 महिलाओं को मैदान में उतारा है. पिछले विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा 10 था. दोनों दलों ने इस बार दलित और आदिवासी समुदायों की महिला उम्मीदवारों को भी अधिक संख्या में टिकट दिया है.
33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक संसद में पारित हो
वडोदरा में सयाजीगंज सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अमी रावत ने कहा कि महिलाओं का प्रतिनिधित्व तब बढ़ेगा जब महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक संसद में पारित हो जाएगा. जबकि भाजपा की राज्य महिला शाखा की प्रमुख दीपिकाबेन सर्वदा ने कहा कि उनकी पार्टी पहले से ही महिलाओं को महत्वपूर्ण पद देकर ऐसा कर रही है.
चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार गुजरात विधानसभा चुनाव में कुल 1,621 उम्मीदवार हैं. गुजरात में चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं. पहला चरण 1 दिसंबर को और दूसरा 5 दिसंबर को. चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. इस बार चुनावी मैदान में जो 139 महिला उम्मीदवार हैं, उनमें से 56 निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.
2017 के आंकड़े
अगर बात 2017 की करें तो कुल 1,828 प्रत्याशियों में से 126 महिला उम्मीदवार थीं. 2017 में केवल 13 महिला उम्मीदवार चुनाव जीत कर विधानसभा गई थी. इनमें बीजेपी की नौ महिला विधायक और कांग्रेस की चार महिला विधायक शामिल हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि 104 महिला प्रतियोगियों की जमानत राशि जब्त कर ली गई थी.
पार्टियों के अपने-अपने दावे
पीटीआई से बात करते हुए कांग्रेस के रावत ने कहा, "हमारी पार्टी ने संसद में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का बिल पेश किया है, जिसे बीजेपी ने स्वीकार नहीं किया. कांग्रेस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं को ऐसे समय में शामिल किया जब वे अपने घरों से बाहर नहीं निकलती थीं. "
बीजेपी की सर्वदा ने कहा कि जिस तरह से बीजेपी ने हर स्तर पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया है, उससे पता चलता है कि पार्टी उनके कल्याण के प्रति कितना गंभीर है. उन्होंने कहा की, "आज हमारी 18 बहनों को चुनाव लड़ने का अवसर मिला है और आने वाले दिनों में उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में रहने का भी मौका मिलेगा. उनमें से एक महिला एवं बाल विकास मंत्री भी बनेगी."
उनका यह भी मानना है कि आने वाले समय में बीजेपी ही महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने का काम करेगी. उन्होंने कहा कि विधानसभाओं और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की कांग्रेस की मांग पार्टी के पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय होगा. पुरुष कार्यकर्ता पार्टी में काफी ज्यादा हैं.
AIMIM ने दो महिलाओं को टिकट दिया
13 सीटों पर चुनाव लड़ रही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने दो महिलाओं को टिकट दिया है. जिनमें एक मुस्लिम और दूसरी दलित समुदाय से हैं. वेजलपुर से ज़ैनबबी शेख और दानीलिमदा से कौशिकाबेन परमार को मैदान में उतारा गया है. दोनों सीटें अहमदाबाद शहर में आती है.
BSP ने 13 महिला उम्मीदवारों को दिया टिकट
बहुजन समाज पार्टी ने गुजरात चुनावों के लिए 13 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. वह 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. बीजेपी ने नौ मौजूदा महिला विधायकों में से पांच को हटा दिया है और उनमें से चार को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है.
दूसरी ओर, कांग्रेस ने अपनी चार में से दो महिला विधायकों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. आशा पटेल, जो उंझा से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीती थीं और बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं थी. स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी. कांग्रेस ने वाव से जेनीबेन ठाकोर और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट गरबाड़ा से चंद्रिका बारिया को उम्मीदवार बनाया है.