गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: 1 दिसंबर को पहले चरण के मतदान में इन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों पर रहेगी नजर, यहां जानिए
Gujarat Assembly Polls 2022: सभी पार्टियों ने अपने- अपने उम्मीदवार चुनाव के मैदान में उतार दिए हैं. इस बार का मुक़ाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल है.
Gujarat Assembly Polls 2022: गुजरात में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान होने वाले हैं. चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. सियासी पारा इस समय राज्य में काफी गरम है. सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार चुनाव के मैदान में उतार दिए हैं. इस बार का मुक़ाबला त्रिकोणीय हो गया है. जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी शामिल है. आम आदमी पार्टी ने जब से गुजरात में एंट्री मारी है तब से वह राज्य में एक कर्मठ और सच्ची सरकार बनाने का दावा कर रही है. बीजेपी गुजरात में पिछले चौबीस सालों से राज कर रही है.
आइये बात करते हैं पहले चरण की कुछ महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों के बारे में :
1- मणिनगर : मणिनगर विधानसभा सीट गुजरात के अहमदाबाद पश्चिम लोकसभा सीट के अंदर आती है. इस क्षेत्र को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. प्रधानमंत्री जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब यहाँ से लगातार तीन बार चुनाव जीते थे. वह पहली बार 2002 में फिर 2007 और 2014 में जीते थे. पिछले 28 सालों से यह सीट बीजेपी के पास है. 2017 में बीजेपी के सुरेश पटेल विधायक थे. इस बार पार्टी ने अमूलभाई भट्ट को चुनाव के मैदान में उतारा है. इस सीट पर सभी दलों की पैनी नज़र है और इसे बीजेपी से जीतने की कोशिश है.
2. घाटलोदिया : घाटलोदिया इस चुनाव की सबसे चर्चित सीटों में एक है. अभी तक हुए दोनों चुनाव में इस सीट से भाजपा को जीत मिली है. ख़ास बात यह है की यहां से चुने गए दोनों विधायक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 2012 विधानसभा चुनाव में आनंदी बेन पटेल जीती थीं, वही 2017 में भूपेंद्र पटेल जीत कर मुख्यमंत्री बने थे. इस क्षेत्र की बड़ी संख्या पाटीदार मतदाता की है.
3. मोरबी, टंकारा और वांकानेर : इन तीनो क्षेत्रों की सीटें काफी महत्वपूर्ण हो गयी है. मोरबी पुल के ढहने के बाद यहां की चर्चा है. निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पाटीदार मतदाता हैं, कोटा आंदोलन के कारण कांग्रेस के बृजेश मेरजा ने 2017 में सीट जीती थी. मेरजा ने बाद में पार्टी छोड़ दी और 2020 में भाजपा के टिकट पर उन्हें जीत मिली थी.
4. पोरबंदर: इस सीट पर बीजेपी के बाबुभाई भीमाभाई बोखीरीया का कब्जा है. पिछले एक दशक से वो इस सीट पर बने हुए हैं. इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस ने ही बारी-बारी से चुनाव जीते हैं. लकिन इस साल आप ने इस मुक़ाबले को और भी रोमांचक बना दिया है. तटीय इलाका होने के कारण यहां माछी समुदाय के लोग करीब 70 हजार हैं. जो हर चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं. इसके अलावा यहां ब्राह्मण और लोहान समुदाय संख्या 50 हजार और 20 हजार वोटर्स हैं. दोनों वर्गों का वोट काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
5. कुटियाना : इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का भी काफी अच्छा वोट बैंक है. एनसीपी के जाडेजा काधलभाई सरमनभाई ने 2017 का चुनाव जीता था. इस सीट पर कांग्रेय का लंबे समय से खाता नहीं खुल पाया है.
6. गोधरा : गोधरा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर होती है. गोधरा पंचमहल जिले में स्थापित है. 2017 से पहले गोधरा की सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता था क्योंकि वह इस सीट पर अपनी सत्ता कायम रखने में सफल रहती थी लेकिन 2017 में बीजेपी ने यह सीट जीत ली. कांग्रेस और बीजेपी के बीच गोधरा में 50-50 का मुक़ाबला है. गोधरा बड़ी संख्या में मुस्लिम मतदाताओं वाली एक सीट है, जहां हाल ही में बिलकिस बानो बलात्कार के दोषियों की रिहाई के कारण माहौल गरम है.
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