Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 दो चरणों में होने जा रहा है. राज्य में पहले चरण के लिए 89 सीटों पर 1 दिसंबर मतदान होगा. वहीं दूसरे चरण में बाकी बची हुई सीटों के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. गुजरात चुनाव में सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार और प्रबंधन में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि वो 10 मुद्दे जो गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 को प्रभावित करेंगे...


नरेंद्र मोदी
गुजरात चुनाव में बीजेपी के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में तुरुप का इक्का है. पीएम मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं. इस दौरान किए गए विकार कार्यों को बीजेपी गुजरात मॉडल के रूप में जनता को बताती है. गुजरात में पीएम मोदी की लोकप्रियता में कमी नहीं आई है. मोदी की यह लोकप्रियता चुनावों में बीजेपी के लिए निर्णायक हो सकता है. 


मोरबी पुल हादसा
इसी साल 30 अक्टूबर को मोरबी में पुल गिर जाने से 135 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस हादसे में सरकार, स्थानीय प्रशासन और व्यापारियों के बीच की सांठगांठ को खुलकर सामने ला दिया. गुजरात के लोगों के मन को कहीं न कहीं मोरबी हादसा प्रभावित कर सकता है. 


सत्ता विरोधी लहर
गुजरात में बीजेपी की पिछले 27 सालों से सरकार है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी के 27 साल के शासन ने समाज के कई वर्गों में असंतोष बढ़ाया है. इसके अलावा बीजेपी सरकार के दौरान बढ़ी महंगाई, बेरोजगारी जैसी अन्य मूलभूत सुविधाएं को लेकर भी लोग सरकार से नाराज बताए जा रहे हैं.  


पेपर लीक और सरकारी परीक्षा
गुजरात में बार-बार पेपर लीक होने खबरें आ चुकी हैं, इससे बेरोजगारी झेल रहे युवाओं में काफी गुस्सा है. परीक्षाओं के स्थगित होने से सरकारी नौकरी पाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाले युवाओं की उम्मीदों पर पानी फिर गया. इससे राज्य के नौजवान नाराज हैं. 


किसानों की समस्याएं
गुजरात के कई हिस्सों में किसान आंदोलन कर रहे हैं. दरअसल, पिछले दो सालों में राज्य में अत्यधिक बारिश के कारण किसानों की फसल नुकसान हो गई है. सरकार ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया है. इससे किसान वर्ग सरकार के खिलाफ भी जा सकते हैं. 


शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं 
गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूली शिक्षा की कमी है. इसके अलावा स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. साथ ही स्कूलों में कक्षाओं की भी कमी है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं. 


बिलकिस बानो मामले के दोषियों को छोड़ना
बिलकिस बानो गैंगरेप और हत्या केस में दोषियों कोर्ट ने छोड़ दिया, इससे अल्पसंख्यक समुदाय के साथ-साथ बहुसंख्यक हिंदूओं का एक धड़ा भी नाराज है. ऐसे में मुस्लिम के साथ में हिंदूओं के एक वर्ग को यह मुद्दा प्रभावित कर सकता है. 


खराब सड़कें
गुजरात को पहले अच्छी सड़कों के लिए जाना जाता था. लेकिन अब हकीकत कुछ और ही है, राज्य की सड़कों की हालत खस्ता हाल है जो लोगों के लिए परेशानी का सबब है. 


बिजली की उच्च दरें
गुजरात में बिजली की दरें देश में सबसे अधिक दरों में से एक है. राज्य के लोगों को आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने प्रति माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया है. बिजली की उच्च दरें गुजरात के लोगों को प्रभावित कर सकती हैं.


जमीन अधिग्रहण
गुजरात में कई सरकारी परियोजनाओं के लिए जिन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है, उनमें किसानों और जीन के मालिकों में असंतोष है. किसान अहमदाबाद और मुंबई के बीच हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने वडोदरा और मुंबई के बीच एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का भी विरोध किया है.


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