(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gujarat Election 2022: 'मैं भी मोदी को कहता हूं मौत का सौदागर', दूसरे चरण की वोटिंग के बीच बोले शंकर सिंह वाघेला
Gujarat Polls 2022: अंतिम चरण में वोटिंग के बीच गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने 'मौत का सौदागर' शब्द का इस्तेमाल करके सियासी पारे को और बढ़ा दिया है.
Shankersinh Vaghela Controvesial Statement: गुजरात चुनाव में दूसरे चरण के लिए आज (05 दिसंबर को) मतदान हो रहा है. दूसरे और अंतिम चरण में प्रदेश के 14 जिलों की कुल 93 सीटों पर वोटिंग जारी है. प्रदेश में एक तरफ वोट डाले जा रहे हैं, तो दूसरी ओर विवादित बयानबाजी भी जारी है. रावण, सद्दाम और औकात के बाद अब गुजरात चुनाव में एक बार फिर से 'मौत का सौदागर' की एंट्री हो गई है.
अंतिम चरण में वोटिंग के बीच पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने 'मौत का सौदागर' शब्द का इस्तेमाल करके सियासी पारे को और बढ़ा दिया है. वाघेला ने कहा कि सोनिया गांधी ही नहीं मैं भी कहता हूं, मोदी मौत के सौदागर हैं. इसी के साथ वाघेला ने इस बार बीजेपी के हारने का दावा किया.
बीजेपी पर जमकर बोला हमला
बीजेपी और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए वाघेला ने कहा कि बीजेपी के एजेंडे में केवल नफरत और जालसाजी की बात है. उन्होंने कहा कि विकास, रोजगार और महंगाई के मुद्दे पर ये लोग सिर्फ जनता को गुमराह करते हैं. उन्होंने कहा कि लोग बीजेपी की ओर देखना नहीं चाहते हैं. अब लोग परिवर्तन चाहते हैं, इस बार बीजेपी की हार तय है. उन्होंने कहा कि गुजरात की सत्ता में अब कांग्रेस की वापसी बिल्कुल तय है.
'बात का बतंगड़ बनाना BJP का धंधा..'
शंकर सिंह वाघेला ने आगे कहा कि एक दिसंबर को गुजरात की जनता का आधा भविष्य ईवीएम में कैद हो गया था और 5 दिसंबर को शाम 5 बजे पूरा भविष्य EVM में कैद हो जाएगा. गुजरात की जनता व्यापार को समझने वाली जनता है. अपना भविष्य क्या होना चाहिए वो इनको पता है और बीजेपी ने 27 सालों से सिर्फ हिंदू-मुस्लिम की राजनीति की है. 'रावण' शब्द पर हुई राजनीति पर वाघेला ने कहा कि बात का बतंगड़ बनाना बीजेपी का धंधा है.
सोनिया गांधी ने 2012 में बोला था ये शब्द
गुजरात के लिए 'मौत का सौदागर' शब्द काफी पुराना है. मोदी के लिए 'मौत का सौदागर' शब्द का पहली बार इस्तेमाल कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने साल 2012 में किया था. उस वक्त सोनिया कांग्रेस अध्यक्ष थीं और मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री. उस चुनाव में सोनिया के इसी बयान को मोदी ने अपना हथियार बना लिया था.
रावण, सद्दाम और औकात पर घमासान
इस चुनाव में भी शब्दों के तीर कुछ ज्यादा ही तीखे रहे. हर दल के जमकर विवादित बयानबाजी की गई. बयानवीर नेताओं की लिस्ट बहुत लंबी है, लेकिन जो शब्द सबसे ज्यादा चर्चा में रहे उनमें 'रावण', 'सद्दाम' और 'औकात' रहे. बीजेपी के फायरब्रांड नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राहुल गांधी की तुलना सद्दाम से करके राजनीतिक पारे को काफी बढ़ा दिया था. अहमदाबाद में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी की तुलना रावण से कर दी थी. कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने पीएम मोदी को लेकर कुछ बयान देने पर 'औकात' शब्द का इस्तेमाल किया. इस पर भी काफी बवाल हुआ था.