Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव होने में अब मात्र 6 दिनों का समय बचा है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल से अपने गढ़ रहे इस इलाके को बचाने की तैयारी कर रही है. राज्य में दो चरणों में एक और पांच दिसंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती आठ दिसंबर को होगी. इन चुनावों में बीजेपी के प्रमुख उम्मीदवारों में से एक हार्दिक पटेल भी हैं. हार्दिक ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस पार्टी से शुरू की थी. हालांकि इस बार वह बीजेपी के टिकट पर वीरमगाम विधानसभा सीट से चुनावी रण में हैं.
आइए जानते हैं हार्दिक से जुड़ी कुछ बातें
1- 2015 में रिजर्वेशन के लिए पाटीदार आंदोलन का नेतृत्व करते हुए हार्दिक पटेल प्रमुखता से उभरे थे. उन्होंने आंदोलन के हिस्से के रूप में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) का नेतृत्व किया और गुजरात में एक सामुदायिक सामाजिक समूह सरदार पटेल समूह (SPG) के सदस्य भी रहे थे.
2- लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले 2019 में ही पाटीदार नेता कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्हें जुलाई 2020 में गुजरात कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था.
3-हार्दिक पटेल ने मई 2022 में अपने ट्विटर बायो से पार्टी का नाम और चिह्न हटाने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने गुजरात में कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं द्वारा दरकिनार किए जाने की शिकायत की थी.
4-कांग्रेस छोड़ने के कुछ दिनों बाद हार्दिक पटेल भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए. गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल किया गया था.
5- यह पहली बार होगा जब हार्दिक पटेल गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. वह 2017 के गुजरात चुनाव में नहीं लड़ सके क्योंकि वह 25 वर्ष की न्यूनतम आयु मानदंड को पूरा नहीं करते थे. हार्दिक पटेल ने गुजरात की जामनगर सीट से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि गुजरात उच्च न्यायालय ने उनके चुनाव पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
क्या है इस सीट का इतिहास
इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस विरमगाम सीट पर लाखा भरवाड को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं आम आदमी पार्टी ने कुंवर जी ठाकोर को अपना उम्मीदवार बनाया है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर करीब 41 फीसदी मतदान हुए थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर जीत हासिल किया था. हालांकि पाटीदार आंदोलन राज्य में शांत होने के बाद बीजेपी को इस सीट से काफी उम्मीदें हैं. हार्दिक को गुजरात के बड़े पाटीदार नेताओं में एक माना जाता है.
Shraddha Murder Case: आफताब पूनावाला का पूरा नहीं हो पाया पॉलीग्राफ टेस्ट, फीवर की है शिकायत