Gujarat Assembly Elections 2022:  गुजरात विधानसभा चुनाव में कई ऐसे चेहरे हैं, जो इस चुनाव के केंद्र में हैं. इस विधानसभा चुनाव में जिनकी चर्चा काफी जोरो से हो रही है. ऐसे ही गुजरात के चर्चित नेताओं में एक नाम दलित नेता जिग्नेश मेवाणी का है. इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने उन्हें वडगाम विधानसभा सीट से टिकट दिया है. मेवाणी ने यह सीट साल 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए जीता था. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मनीभाई जेठ भाई वाघेला को इस सीट से टिकट दिया है. वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने दलपत भाटिया को अपना उम्मीदवार बनाया है.

जिग्नेश मेवाणी को एक मुखर बीजेपी का आलोचक माना जाता है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक ट्वीट करने के मामले में 10 दिनों तक हिरासत में भी रह चुके हैं. गुजरात राज्य में मेवाणी को दलित राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है.

कौन हैं जिग्नेश मेवाणी
जिग्नेश मेवाणी का जन्म 11 दिसंबर 1982 में गुजरात के अहमदाबाद जिले में हुआ था. जिग्नेश मूल रूप से मिउ गांव के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम नटवर भाई परमार है, वह 69 साल हैं. उनकी माता का नाम चंद्रबेन हैं. जिग्नेश मेवाणी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मेवाणी हमेशा थोड़े बहुत आदर्शवादी लगते थे. उनके पिता का कहना है कि मेवाणी हमेशा से जेल जाने को तैयार रहते हैं. उनके पिता 1987 में अहमदाबाद नगर निगम से एक क्लर्क के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे.

मेवाणी की शिक्षा
गुजरात के दलित नेता जिग्नेश मेवाणी की शुरुआती शिक्षा अहमदाबाद जिले में ही हुई है. बाद में उन्होंने साल 2003 में अहमदाबाद के एच के आर्ट्स कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में कला स्नातक की पढ़ाई की.  साल 2004 में उन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार में डिप्लोमा की डिग्री भी प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने 2004 से 2007 तक गुजराती पत्रिका में एक रिपोर्टर के रूप में नौकरी भी किया. साल 2013 में उन्होंने अहमदाबाद के  डी. टी. लॉ कॉलेज  से कानून की पढाई में स्नातक कोर्स भी किया.

परिवार का मिला हमेशा साथ
मेवाणी  की अधिकांश राजनीतिक यात्रा के दौरान उनका परिवार हमेशा उनके साथ रहा है. उनका पूरा परिवार उनके साथ ऊना मार्च में शामिल हुआ था. उनके पिता परमार ने मेवाणी की अधिकांश चुनावी रैलियों में भाग भी लिया और 2017 में वडगाम में उनके लिए प्रचार भी किया था. उन्होंने 20 गांवों की कमान भी संभाली थी. उनके पिता परमार ने अपने  बेटे की रिहाई के लिए हुए सभी प्रदर्शनों का भी हिस्सा भी बने थे.

दलित आंदोलन से उभरा था यह नेता

गुजरात के सौराष्ट्र इलाके के उना गांव में दलितों पर हुए अत्याचार के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ था. जिग्नेश मेवानी ने अहमदाबाद से उना तक दलित अस्मिता यात्रा की थी. जो 15 अगस्त 2016 को खत्म हुआ था. इस आंदोलन में दलित महिलाओं सहित कुछ 20,000 दलितों ने भाग लिया था.

कब होंगे मतदान

गुजरात विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होने वाले हैं. गुजरात के 89 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का चुनाव 1 दिसंबर को होना है. वहीं बाकी के बचे 93 सीटों के लिए चुनाव 5 दिसंबर को होना है. इस चुनाव के नतीजे तीन दिन बाद 8 दिसंबर को आएंगे. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी के आ जाने से इस बार का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. बीजेपी ने इस बार भूपेंद्र पटेल के चेहरे पर भरोसा जताया है. वहीं आप ने अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार इसुदान गढ़वी को बनाया है.


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