Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव लड़ रहे मजदूर ने 1 रुपये के 10,000 सिक्के डिपोजिट मनी के तौर पर जमा किए, जानिए कैसे जुटाए पैसे
Gujarat Election 2022: निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र पाटनी अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव में लड़ रहे हैं.
Gujarat Election 2022 : गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मी अपने चरम पर है, इस सियासी उठापटक के बीच गांधीनगर उत्तर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार महेंद्र पाटनी ने एक अजीबोगरीब कारणामा कर दिखाया है. उन्होंने अपने समर्थकों से 1 रुपये के 10,000 सिक्के जुटाए और उस राशि को चुनाव आयोग के पास डिपोजिट मनी के तौर पर जमा किया. बता दें कि वो अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ रहे हैं.
बता दें कि गुजरात की राजधानी गांधीनगर में 2019 में एक होटल के रास्ता बनाने के लिए दिहाड़ी मजदूरों की झुग्गी बस्ती तोड़ दिया गया था, जिसके बाद गांधीनगर में महात्मा मंदिर के पास एक झुग्गी में 521 झोपड़ियों में रहने वाले लोगों ने पाटनी को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनाव लड़ने के लिए कहा था. पाटनी झुग्गी के निवासियों में से ही एक हैं.
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निर्दलीय उम्मीदवार ने रखी अपनी बात
महेंद्र पाटनी ने कहा,''मैं एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं. मैं मजदूरों के परिवार से ही आता हूं और एक दिहाड़ी मजदूर के रूप में अपना जीवन यापन करता हूं. हमारे झुग्गी में 521 झोपड़fयां थीं. जिन्हें एक बड़े होटल का रास्ता बनाने के लिए तोड़ दिया गया था. झोपड़ी टूटने के कारण उनमें से कई बेरोजगार हो गए थे. हमलोगो को पास के क्षेत्र में बदलाव कर दिया गया, लेकिन वहां पानी या बिजली की आपूर्ति नहीं है.''
महेंद्र पाटनी ने आगे कहा, ''सरकार की उदासीनता से दुखी झुग्गियों में रहने वालों ने 1 रुपये के सिक्के से 10,000 रुपये एकत्रित किए और मुझे पैसे दिए ताकि मैं आगामी चुनाव लड़ने के लिए सुरक्षा जमा के रूप में इसका भुगतान कर सकूं.
पाटनी ने कहा कि घर के बदलाव होने से पहले, हमारी झुग्गी में बिजली थी. हमें होटल के पास दूसरे क्षेत्र में भेजने के लिए मजबूर किया गया. वहां पानी या बिजली नहीं है, कोई राजनेता भी हमारी सहायता के लिए नहीं आए. उन्होंने कहा कि स्थानीय अधिकारी उन्हें अपने वर्तमान स्थान को भी छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे थे.
मुझे चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है
निर्दलीय उम्मीदवार ने कहा, "जब चुनाव नजदीक होते हैं, तो सरकार के कुछ प्रतिनिधि और राजनेता आते हैं और हमें कुछ आश्वासन देते हैं, जिसे वे आसानी से बाद में भूल जाते हैं. यह 1990 के दशक से चल रहा है. उन्हें उन लोगों का समर्थन मिल रहा है जो चाहते हैं कि सरकार से कुछ मांगें पूरी की जाए. अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा करती है, तो मुझे चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है. हम चाहते हैं कि सरकार हमें रहने के लिए एक स्थायी स्थान प्रदान करें ताकि हमें एक और घर बदलने का सामना न करना पड़े.
बता दें कि182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा चुनाव में मतदान दो चरणों में होगी .1 दिसंबर और 5 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और मतपत्रों की गिनती 8 दिसंबर को होगी.
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