Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में बयानबाजियां तेज हो गई हैं. सभी पार्टियों के नेता एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इस बीच गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने गरीब और रोजगार को लेकर बीजेपी पर जोरदार हमला किया है. वाघेला ने कहा कि "राम टाट में रहें या मंदिर में कोई फर्क नहीं पड़ता, बीजेपी मंदिर के जरिए सिर्फ मार्केटिंग करती है. फर्क इस बात से पड़ता है कि गरीब को भोजन और रोजगार मिल रहा है या नहीं?"
शंकर सिंह वाघेला ने आगे आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा, केजरीवाल कभी नेता नहीं बन सकते, एक IAS/IPS ऑफिसर कभी अच्छा नेता नहीं बन सकता. केजरीवाल संघ के आदमी हैं, वह बीजेपी के लिए काम करते हैं. आरएसएस अब बीजेपी में मिल गई है, उसकी विचारधारा स्वतंत्र नहीं रही.
1 दिसंबर को गुजरात में मतदान
गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी दलों के दिग्गज मैदान में ताल ठोक रहे हैं. पीएम समेत गुजरात के तमाम बड़े नेता एक सुर में पार्टी के प्रचंड जीत का दावा कर रहे हैं. राज्य में दो चरणों में होंगे, जिसमें पहले चरण में 89 सीटों के लिए 1 दिसंबर और दूसरे चरण में बाकी बची हुई सीटों के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. वहीं चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.
बीजेपी को इस बार नहीं जीतने दीजिए...
बता दें कि पिछले दिनों जब शंकर सिंह वाघेला से प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत को लेकर सवाल किया गया था तब उन्होंने कहा था, साल 1995 से 27 साल हो गए. 25 साल में पांच बार बात हुई है. इसमें भी केवल हमारी सेहत को लेकर बातचीत हुई है. राजनीतिक बातचीत नहीं हुई. हमें पता है कि ये देश के साथ धोखा है. झूठ, झूठ, झूठ बिना झूठ कुछ नहीं चीटिंग चीटिंग चीटिंग और गप्प, गप्प, गप्प. इसके अलावा कुछ है ही नहीं.
उन्होंने जनता से अपील की है कि बीजेपी को इस बार नहीं जीतने दीजिए. उन्होंने कहा कि यहां केवल दो दलों की बीच चुनाव है. एक कांग्रेस और एक बीजेपी. उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले को भी पूरी तरह से नकार दिया.
वाघेला ने यहां तक कहा था कि वह चाहे कांग्रेस में हो या न हों लेकिन, बीजेपी को रोकने की जरूरत है. कांग्रेस या उनके लिए नहीं बल्कि गुजरात की अगली पीढ़ी के लिए. गुजरात की जनता को आने वाली पीढ़ी के लिए कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य को बचाना है तो इसका यही रास्ता है कि बीजेपी को निकालना पड़ेगा. कोई भी ऐसा गुजराती नहीं है जो इस वक्त परेशान न हो. कोरोना में सरकार की बेवकूफी के कारण हजारों-लाखों लोगों की मौत हो गई.