Gujarat Election 2022:  गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ता व स्वयंसेवक सोशल मीडिया मंचों का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं.


गुजरात की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सोशल मीडिया मंच फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर अपने बड़ी संख्या में ‘फॉलोअर्स’ हैं और वह इन मंचों पर जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) जमीनी स्तर पर मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर व्हाट्सएप का इस्तेमाल कर रही है.


बीजेपी का सोशल मीडिया अभियान पिछले दो दशकों में गुजरात में पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करने पर केंद्रित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे. बीजेपी ने गुजराती गौरव के भावनात्मक मुद्दे पर जोर देते हुए हाल ही में ‘आ गुजरात में बनाव्यू छे’ (यह गुजरात मैंने बनाया है) अभियान शुरू किया.


कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने बताया कि उनकी पार्टी उस दौर की यादें ताजा करने की कोशिश कर रही है जब राज्य में उसका शासन था, राज्य के विकास के लिए उसकी सरकारों ने कितना कुछ योगदान दिया और कैसे बीजेपी ने अपने 27 वर्षों के शासन में कुछ नहीं किया.


‘आप’ के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा राज्य में अपने चुनाव प्रचार के दौरान किए ‘‘वादों’’ पर जोर दिया जा रहा है और मतदाताओं से जुड़ने के लिए व्हाट्सएप का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है.


बीजेपी के सोशल मीडिया सह-प्रभारी मनन दानी ने कहा, ‘‘ हमने अभी तक पांच अभियान चलाए हैं और हम आने वाले दिनों में कुछ और अभियान भी चलाएंगे. हम लोगों के सामने कुछ नया पेश करने के लिए हर हफ्ते अपने अभियान बदलते रहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने 2022 गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरुआत करीब छह महीने पहले स्थानीय भाषा में ‘‘ 20 वरस नो विश्वास, 20 वरस नो विकास’’ (20 साल का विश्वास और 20 साल का विकास) ‘टैगलाइन’ जारी करने के साथ की थी.


दानी ने बताया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने ‘मोदी जी के 20 स्वर्ण वर्ष’, ‘वंदे भारत’, ‘ मैंने यह गुजरात बनाया है’, ‘बीजेपी का मतलब विश्वास’ जैसे अभियान चलाए हैं.


बीजेपी की गुजरात इकाई मतदाताओं तक पहुंचने के लिए 15 से अधिक एप का इस्तेमाल कर रही है. बीजेपी के फेसबुक पर 35 लाख से अधिक, इंस्टाग्राम पर 57.8 लाख, ट्विटर पर 15 लाख और यूट्यूब पर 45,600 से अधिक ‘फॉलोअर्स’ हैं.


वहीं कांग्रेस के फेसबुक पर सात लाख, इंस्टाग्राम पर 64.3 लाख, ट्विटर पर 1,64,000 और यूट्यूब पर 8,91,000 ‘फॉलोअर्स’ हैं. ‘आप’ के फेसबुक पर 5.67 लाख, इंस्टाग्राम पर 1.17 लाख ‘फॉलोअर्स’ हैं. ‘आप’ की राज्य इकाई का अलग से यूट्यूब पर कोई खाता नहीं है. उसके राष्ट्रीय स्तर के यूट्यूब पेज पर 42.3 लाख ‘फॉलोअर्स’ हैं.


दानी ने बताया कि बीजेपी के पास 20,000 से अधिक कार्यकर्ताओं और 60,000 से अधिक स्वयंसेवकों का एक दल है, जो उनके सोशल मीडिया अभियान संभाल रहा है.


कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष केयूर शाह ने बताया कि पार्टी ने लक्षित अभियान चलाने के लिए एक रणनीति तैयार की है. इसके तहत विशेष निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाने के लिए सोशल मीडिया मंच पर पेज बनाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने अभियान को चलाने और जमीनी स्तर पर मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए व्हाट्सएप पर काफी अधिक निर्भर है.


शाह ने कहा, ‘‘ हमने बूथ और गांव स्तर पर करीब 50,000 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं.’’ ‘आप’ के गुजरात में सोशल मीडिया प्रभारी डॉ. सफीन हसन ने बताया कि पार्टी का सोशल मीडिया अभियान कॉलेज के छात्रों और स्वयंसेवकों पर काफी अधिक निर्भर है. उन्होंने कहा कि पार्टी प्रचार के लिए सबसे अधिक व्हाट्सएप का ही इस्तेमाल कर रही है.


हसन ने बताया कि पार्टी के पास अपने सोशल मीडिया अभियानों को देखने के लिए 25 युवाओं की एक टीम है. इसके अलावा, ‘आप’ के पास करीब 20 हजार ‘सोशल मीडिया योद्धा’ हैं, जो जरूरी नहीं कि पूर्णकालिक पार्टी कार्यकर्ता हों, लेकिन विभिन्न मंचों पर अभियान चलाने व पार्टी के संदेशों का प्रसार करने में मदद कर रहे हैं.


हसन ने दावा किया ‘आप’ के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी के फेसबुक पेज को गुजरात में अन्य दलों की तुलना में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. गुजरात में एक और पांच दिसंबर को दो चरण में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. मतगणना आठ दिसंबर को की जाएगी.