Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए दो दिन बाद यानी 1 दिसंबर को मतदान डाले जाने हैं. सभी राजनीतिक दलों प्रचार के अखिरी दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन चुनाव के बीच गुजरात में एक ऐसी विधानसभा है, जहां न तो आयोग का कोई अधिकारी, किसी पार्टी का नेता और न ही कोई कार्यकर्ता पहुंच रहा है. जबकि, चुनाव आयोग ने 3 नवंबर को गुजरात में विधानसभा चुनाव की घोषणा करते हुए कहा था कि रेड लाइट एरिया में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
बीजेपी-कांग्रेस में टक्कर
दरअसल, गुजरात के बनासकांठा जिले के थराद विधानसभा में वाडिया नाम का एक गांव है. यह गांव यौनकर्मियों के रूप में कुख्यात है. थराद सीट से कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह राजपूत के खिलाफ बीजेपी ने राज्य के पूर्व मंत्री शंकर चौधरी को प्रत्याशी घोषित किया है.
50 परिवार देह व्यापार पर निर्भर
वाडिया गांव की कुल आबादी 700 के आसपास है, जिसमें से 50 परिवार परंपरागत रूप से देह व्यापार करने पर निर्भर हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, इस गांव की प्रथा को खत्म करने के लिए कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोशिश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. 30 वर्षीय दिनेश सरानिया नाम के एक ग्रामीण ने कहा कि नेताओं का यह रवैया इसी चुनाव में कोई नई नहीं है.
गांव में बुनियादी सुविधाएं भी नहीं...
दिनेश ने कहा, "पहले के चुनावों में भी हमें नजरअंदाज किया जा चुका है. हम आसपास के गांवों में लाउडस्पीकर, ढोल और नारे लगाने की सुनते हैं, लेकिन उप्रत्याशी उम्मीदवार हमारे गांव में नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि गांव की प्रतिष्ठा उन्हें दूर रखती है." दिनेश सरानिया ने गांव की समस्या बताते हुए कहा कि गांववालों के घर उनके नाम पर पंजीकृत नहीं हैं, इसलिए वे कई कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं. सरानिया ने कहा, "हमारे गांव में सड़क और स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं थीं. कोई भी हमारे मुद्दों को उठाते की हिम्मत नहीं करता है."