Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए प्रचार जोरों पर चल रहा है. सभी पार्टियां अपनी सियासी चालों से एक दूसरे को पटखनी देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, गुजरात चुनाव और दिलचस्प होता जा रहा है. यहां की 182 विधानसभा सीटों के लिए 1 और 5 दिसंबर को वोटिंग होनी है. जबकि चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. 


गुजरात में मतदान शुरू होने से पहले, आइए एक नजर डालते हैं कि राज्य में पिछले तीन दशकों में किस तरह मतदान हुआ है. 


विधानसभा चुनाव (1985)
गुजरात में हुए 1985 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने रिकॉर्ड सीटें जीती थीं. इस चुनाव में कांग्रेस को 55.55 फीसदी वोट मिले थे, इसके साथ ही पार्टी को 149 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. यह आज भी किसी एक पार्टी को गुजरात में मिली सबसे ज्यादा सीटों की संख्या है. बीजेपी उस चुनाव में कांग्रेस से बहुत पीछे थी. बीजेपी को 14.96 फीसदी वोट मिले थे, जबकि उसे महज 11 सीटों से संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में जेएनपी 14 सीटें जीती थी, वहीं 8 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.   


विधानसभा चुनाव (1990)
राज्य में इसके बाद 1990 में विधानसभा चुनाव हुए. यह राम मंदिर आंदोलन का दौर था जिसकी वजह से बीजेपी को गुजरात में भारी फायदा हुआ. इस चुनाव में जनता दल और बीजेपी मिलकर लड़े थे. बीजेपी ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से उसके 67 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे, पार्टी को 26.69 फीसदी वोट मिले. जबकि जनता दल के 70 विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे, जनता दल का वोट शेयर 29.36 फीसदी थी. 


कांग्रेस ने 181 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे जिसमें से उसके 33 विधायक ही जीत सके थे, वहीं वोट शेयर गिरकर 30.74 फीसदी पर आ गया. 1990 में बीजेपी और जनता दल ने मिलकर गुजरात में सरकार बनाई थी.    


विधानसभा चुनाव परिणाम (1995)
साल 1995 में राम मंदिर के मुद्दे पर जनता दल और बीजेपी का गठबंधन टूट गया, लेकिन केशुभाई पटेल के नेतृत्व में बीजेपी ने 121 सीटों पर जीत हासिल करके गुजरात में सरकार बनाई. इस चुनाव में कांग्रेस को 45 सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि जनता दल को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली थी. 


विधानसभा चुनाव (1998)
साल 1998 में केशुभाई पटेल की सरकार गिर गई जिसके बाद राज्य में दोबारा हुए. इस चुनाव में भी बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 117 सीटें जीतीं. बीजेपी को वोट शेयर बढ़कर 44.82 फीसदी पर आ गया जबकि कांग्रेस का वोट शेयर घटने लगा. 1998 के चुनाव में कांग्रेस को 53 सीटें मिली. वहीं जनता दल को 4, एआईआरजेपी को 4, समाजवादी पार्टी को 1 और 3 निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे.    


विधानसभा चुनाव (2001)
साल 2001 में गुजरात में बड़ा भूकंप आया, जिसके बाद केशुभाई निष्क्रिय हो गए और कई उपचुनावों में हार गए. बीजेपी नेतृत्व ने केशुभाई पटेल से राज्य का नेतृत्व लेकर नरेंद्र मोदी के हाथ में सौंप दिया. इस साल से ही गुजरात में मोदी युग की शुरूआत हुई. 2001 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 127 सीटों पर जीत मिली, कांग्रेस ने उम्मीदवार 51 सीटों पर जीते. बीजेपी ने सरकार बनाई और नरेंद्र मोदी गुजरात के पहली बार मुख्यमंत्री बने.


विधानसभा चुनाव (2007)
राज्य में अगले चुनाव पांच साल बाद 2007 में हुए. इस समय केंद्र में कांग्रेस के नेृत्व वाली यूपीए-1 की सरकार थी, गुजरात में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल करते हुए 117 सीटों प्राप्त की और राज्य में सरकार बनाई. इस साल कांग्रेस को 59 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं एनसीपी को 3 और जेडीयू को 1 सीट मिली थी.   


विधानसभा चुनाव (2012)
साल 2012 के विधानसभा में बीजेपी ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की. राज्य में पूर्ण बहुमत आने के बाद नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बने. इस चुनाव में बीजेपी ने 115 सीटों पर जीत हासिल करके सरकार बनाई. वहीं कांग्रेस को 61 सीटें मिली थीं.  


विधानसभा चुनाव (2017)
साल 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद. साल 2017 पहली बार मोदी की अनुपस्थिती में विधानसभा के चुनाव हुए. इस चुनाव से कांग्रेस को काफी उम्मीदें थीं. क्योंकि कुछ हद तक बीजेपी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी और हार्दिक पटेल की अगुवाई में पाटीदार आंदोलन अपने चरम पर था. दूसरी तरफ जिग्नेश मेवाणी दलितों के लिए आंदोलन और अल्पेश ठाकोर ने ओबीसी के लिए आंदोलन करके बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने मे सफल हुए.


विधानसभा चुनाव के जब नतीजे आए तो बीजेपी को नुकसान जरूर हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस ने 1985 के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 77 सीटों पर हासिल की, जबकि बीजेपी 99 सीटों पर सिमट गई. हालांकि बीजेपी बहुमत के आंकडे़ से उपर आ गई थी जिसके बाद राज्य में बीजेपी ने विजय रूपाणी के नेतृत्व में सरकार बनाई.   


गुजरात चुनाव में सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार और प्रबंधन में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. बीजेपी की तरफ से खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई है. कांग्रेस भी 27 साल के बाद सत्ता में वापसी करने की हरसंभव कोशिश कर रही है, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में दो बड़ी रैलियों को संबोधित करेंगे, वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल गुजरात के लगातार दौरे कर रहे हैं. 


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