Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में कहां टिकती है ओवैसी की AIMIM, जानें मुस्लिम वोटों का पूरा समीकरण
Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM कहां टिकती है? क्या ओवैसी की पार्टी के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस को मुस्लिम वोटों का नुकसान होगा?
गुजरात विधानसभा चुनाव में मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच द्विपक्षीय हो या आम आदमी पार्टी की एंट्री से यह त्रिकोणीय हो गई ये तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि गुजरात में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) मुस्लिम बहुल सीटों के साथ-साथ हिन्दू वोटर्स की जहां आबादी अधिक है वहां भी अपने उम्मीदवार उतार रही है.
एआईएमआईएम ने अब तक गुजरात विधानसभा के लिए 182 में से 14 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. एआईएमआईएम की तरफ से जारी की गई दूसरी लिस्ट के अनुसार कल्पेश भाई सुंधिया वडगाम से चुनाव लड़ेंगे, अब्बास भाई नोडसोला सिद्धपुर विधआनसभा से चुनाव लड़ेंगे और जैनबीबी शेख वेजलपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी.
एआईएमआईएम के चुनाव लड़ने से अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या ये कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएगी जिसको मुस्लिम वोट मिलता रहा है. आइए समझते हैं गुजरात चुनाव में कहां टिकती है ओवैसी की AIMIM....
गुजरात चुनाव में कहां टिकती है ओवैसी की AIMIM ?
दानीलिम्डा सीट पर कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा सकती है AIMIM
एआईएमआईएम ऐसी सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतार रही है जहां पर मुस्लिम मतदाता बहुमत में नहीं हैं. ओवौसी की पार्टी ने अहमदाबाद शहर की दानीलिम्डा सीट पर महिला प्रत्याशी कौशिका परमार को टिकट दिया है. यह सीट अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. यहां पर एआईएमआईएम की उम्मीदवार कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. कांग्रेस के विधायक शैलेश परमार यहां से दो बार चुनाव जीत चुके हैं. इस सीट पर दलित और मुस्लिम मिलकर बड़ी ताकत हैं.
अहमदाबाद की बापूनगर सीट, दलित, मुस्लिम समीकरण साधेगी AIMIM
इसी तरह एआईएमआईएम ने अहमदाबाद की बापूनगर सीट पर शाहनवाज खान को चुनाव मैदान में उतारा है. यह सामान्य सीट है और यहां से कांग्रेस के हिम्मत सिंह पटेल विधायक हैं. यहां पर पटेल, दलित, मुस्लिम व अन्य तबकों की मिली-जुली आबादी है.
मंगरोल में मुकाबला दिलचस्प
सौराष्ट्र इलाके की सीट मंगरोल पर भी मुकाबला दिलचस्प होगा. इस सीट पर ओवैसी की पार्टी ने सुलेमान पटेल को चुनाव मैदान में उतार दिया है. उनका मुकाबला कांग्रेस के बाबू भाई बाजा से होगा जो मौजूदा विधायक हैं. मंगरोल में ओबीसी और पाटीदारों के अलावा दलित और मुस्लिम मतदाता अच्छी संख्या में हैं.
सूरत ईस्ट सीट, लिंबायत सीट और भुज सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी
गुजरात विधानसभा की सूरत ईस्ट सीट पर भी दो मुस्लिम चेहरों के बीच मुकाबला माना जा रहा है. यहां से कांग्रेस ने असलम साइकिल को टिकट दिया है तो वहीं ओवौसी की पार्टी ने इस सीट पर वासिम कुरैशी को उतारा है. सूरत की लिंबायत सीट और कच्छ जिले की भुज सीट पर भी AIMIM ने मुस्लिम उम्मीदवार को उतारा है.
गुजरात इकाई के अध्यक्ष साबिर काबलीवाला एक्स फैक्टर
एआईएमआईएम ने अपनी गुजरात इकाई के अध्यक्ष साबिर काबलीवाला को भी चुनावी मैदान में उतारा है. उन्हें पार्टी ने जमालपुर-खड़िया सीट से टिकट दिया है. इस सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है. यहां से मौजूदा विधायक कांग्रेस के इमरान खेड़ावाला हैं.
हिन्दू प्रत्याशियों को AIMIM उतार रही मैदान में
एआईएमआईएम की तरफ से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में दो नाम हिन्दू प्रत्याशियों के हैं. कल्पेश भाई सुंधिया दूसरे हिंदू उम्मीदवार हैं, जबकि पार्टी की तरफ से पहली उम्मीदवार कौशिका परमार हैं जो दानिलिमदा विधानसभा से चुनावी मौदान में हैं. दानिलिमदा आरक्षित सीट है.
40-45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना
पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी गुजरात चुनाव में मुस्लिम और दलित वोटरों को लुभाने में लगे हुए हैं, जिसके लिए वो लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं. साल 2021 में हुए स्थानीय निकाय चुनाव ओवैसी की पार्टी ने 26 सीटें जीती थीं. एआईएमआईएम की गुजरात में 40-45 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है.
गुजरात में मुसलमानों का प्रभाव
2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात राज्य में हिंदू बहुसंख्यक हैं. हिंदू धर्म गुजरात की आबादी का 88.57 फीसदी है. गुजरात में मुस्लिम आबादी कुल 6.04 करोड़ में से 58.47 लाख (9.67 प्रतिशत) है. गुजरात में ईसाई आबादी कुल 6.04 करोड़ में से 3.16 लाख (0.52 प्रतिशत) है. हालांकि ये डाटा साल 2011 का है तो इसमें अंतर हो सकता है.
अब आपको बता दें कि राज्य में मुस्लिम आबादी बेशक कम हो लेकिन 34 विधानसभा क्षेत्रों में, मुस्लिम मतदाताओं की आबादी 15 प्रतिशत से अधिक है.
वहीं गुजरात में 20 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 20 प्रतिशत से अधिक है. इन 20 सीटों में से चार अहमदाबाद जिले में हैं जबकि तीन-तीन भरूच और कच्छ जिले में हैं.
इन आंकड़ों को देख कर कोई भी कह सकता है कि राज्य में कई सीटों पर मुस्लिम वोटर्स उम्मीदवार की जीत और हार तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मुस्लिम वोटर्स ओवैसी की पार्टी को वोट देंगे? अगर मुस्लिम वोटर्स का वोट ओवैसी की पार्टी को मिलती है तो ये सीधे तौर पर उनके उम्मीदवार की जीत में बड़ी भूमिका निभाएगा.
एबीपी के लिए सी-वोटर सर्वे में मुसलमान मतदाताओं ने क्या कहा था
बता दें कि हाल ही में गुजरात चुनाव को लेकर एबीपी के लिए सी-वोटर ने सर्वे किया था, जिसमें यह सवाल पूछा गया था कि इस चुनाव में मुस्लिम वोटरों की पहली पसंद कौन है? इस सवाल का जवाब देते हुए 47 फीसदी मुस्लिम वोटरों ने बताया कि वो 47 फीसदी कांग्रेस को पसंद कर रहे हैं. जबकि दूसरे नंबर 25 फीसदी के साथ मुस्लिम वोटर आप को पसंद कर रहे हैं, वहीं बीजेपी को मुस्लिम वोटर महज 9 फीसदी पसंद कर रहे हैं.
कब है गुजरात में चुनाव
182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा के लिए दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा. वहीं चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. पहले तरण में 89 सीटों पर मतदान होगा, वहीं बाकी बची हुई साटों के लिए 5 दिसंबर को मतदान होगा.