Gujarat Election 2022: गुजरात चुनाव में कांग्रेस कहां है ? कहीं फिर 'टू लिटिल टू लेट' तो नहीं हो जाएगी पार्टी, डोर-टू-डोर कैंपेन पर है जोर
Gujarat Election 2022: जहां एक तरफ बीजेपी और आम आदमी पार्टी इस चुनाव में भारी भरकम प्रचार कर रहे हैं.वहीं कांग्रेस उतना एग्रेसिव नहीं दिखाई दे रही है.
Gujarat Election 2022: गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है. गुजरात को "हिंदुत्व की प्रयोगशाला" भी कहा जाता है, जहां पिछले 27 साल से बीजेपी का मजबूत गढ़ बना हुआ है. लेकिन कभी महात्मा गांधी के कारण यह कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, क्योंकि गांधी जी गुजरात के ही रहने वाले थे.
हालांकि, वर्तमान चुनाव प्रचार में देश की सबसे पुरानी पार्टी तस्वीर से काफी हद तक गायब दिख रही है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और बीजेपी का चुनाव प्रचार अभियान कांग्रेस से कहीं ज्यादा दिखाई दे रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने "जनता को अपना वोट बर्बाद नहीं करने" का आग्रह किया है और दावा किया कि कांग्रेस पूरी तरह से ढह रही है.
बीजेपी-आप का आक्रामक प्रचार
जहां एक तरफ बीजेपी और आम आदमी पार्टी इस चुनाव में भारी भरकम प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस इस तड़क-भड़क से दूर वोटरों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ रही है. गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने द क्विंट को बताया है कि "बीजेपी ने पिछले 27 सालों में काफी संपत्ति अर्जित की है. उनके मुकाबले में हमारे पास चुनाव लड़ने के लिए इतना बजट नहीं है. हमने विज्ञापनों पर पैसा बर्बाद नहीं किया है बल्कि इसके बजाय मतदाताओं से सीधे संवाद कर रहे हैं."
कांग्रेस का डोर-टू-डोर कैंपेन
दरअसल, इस चुनाव में कांग्रेस ने बूथ स्तर के प्रबंधन से लेकर डोर-टू-डोर अभियान के साथ ही बुनियादी बातों को लेकर चलने का फैसला किया है. जमीन पर पार्टी का संदेश दो अभियानों के आसपास केंद्रित है, जिसमें 'कांग्रेस नू काम बोले छे' (कांग्रेस का काम बोलता है) और 'कांग्रेस के 8 वचन' (कांग्रेस के आठ वादे) शामिल हैं.
कांग्रेस के कामों को बता रहे
गुजरात में कांग्रेस के मीडिया कोर्डिनेटर हेमांग रावल कहते हैं, "हम करीब 27 साल से गुजरात में सरकार से बाहर हैं. इसलिए, यह जरूरी हो जाता है कि हम युवा और नए मतदाताओं को पिछली कांग्रेस सरकारों द्वारा किए गए कामों के बारे बताएं. उन्हें इसकी जानकारी नहीं होगी."
वहीं, कांग्रेस का दूसरा अभियान राहुल गांधी द्वारा राज्य के मतदाताओं से किए गए वादों की सूची है. इनमें गैस सिलेंडर की कीमत में कमी, 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 10 लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, किसानों की कर्जमाफी, 3000 इंग्लिश मीडियम के सरकारी स्कूल, दूध उत्पादों पर सब्सिडी, सरकारी नौकरी और बेरोजगारी भत्ता के तहत युवाओं को लिए 30,000 हजार रुपये देना शामिल हैं.
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