गुजरात विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को मतदान होने जा रहा है. इस बार के चुनाव में आम आदमी पार्टी की धमाकेदार एंट्री हुई है. कांग्रेस इस बार कोशिश कर रही है कि बीजेपी से 27 साल बाद सत्ता छीन ले. 


एबीपी न्यूज- सी वोटर के सर्वे के मुताबिक बीजेपी की राज्य में सरकार बनने जा रही है. लेकिन सवाल इस बात का है कि 27 सालों से सत्ता में काबिज बीजेपी के खिलाफ विपक्ष माहौल क्यों नहीं बना बना पा रहा है.


राजनीतिक विश्लेषक अभय दुबे के मुताबिक राज्य में बीजेपी सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है और लोगों में गुस्सा भी है लेकिन इस पर पड़ने वाला वोटों का बंटवारा हो रहा है. मतलब कांग्रेस का नुकसान आम आदमी पार्टी की वजह से हो रहा है और सीधा फायदा बीजेपी को मिल रहा है. वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह का भी कहना है कि सत्ता विरोधी वोटों के बंटवारे से हमेशा फायदा सरकार को ही मिलता है.


बात करें उत्तर गुजरात की तो एबीपी-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 20-24 सीटें मिल रही हैं. वहीं कांग्रेस को 8-12 और आम आदमी पार्टी को 0-1 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.


दक्षिण गुजरात में भी बीजेपी को कोई नुकसान होता नहीं दिख रहा है. बीजेपी को यहां पर पिछली बार 25 सीटें मिली थीं इस बार 27 से 31 सीटें मिल रही हैं. वहीं कांग्रेस के खाते में 2-6 सीटें और आम आदमी पार्टी को 1-3 सीटें मिल रही हैं.


सूरत में हुए निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन विधानसभा चुनाव में उसको फायदा नहीं मिल पा रहा है. लेकिन कांग्रेस से तुलना करते हुए वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं कि गुजरात में एक बार तो साफ हो रही है कि आम आदमी पार्टी परसेप्शन की लड़ाई में कांग्रेस से आगे जाते दिखाई दे रही है.  


बात करें सौराष्ट्र इलाके की जो कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, यहां भी सर्वे में बीजेपी को फायदा होता दिखा रहा है. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी को 23 सीटें मिली थीं लेकिन इस बार उसे 38-42 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं कांग्रेस को 4-8 सीटें मिल सकती हैं. पिछली बार कांग्रेस को 30 सीटें मिली थीं. वहीं आम आदमी पार्टी को यहां बड़ा बोनस मिल रहा है पार्टी को कांग्रेस से ज्यादा यानी 7-8 से सीटें मिल सकती हैं.


हैरानी की बात ये है कि सौराष्ट्र में वोट प्रतिशत के मामले में कांग्रेस तीसरे नंबर पर खिसकता दिखाई दे रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पहुंच सकती है. सौराष्ट्र इलाके में बीजेपी को जबरदस्त फायदा नर्मदा योजना का मिल रहा है. एबीपी न्यूज से बातचीत में कई स्थानीय लोगों ने कहा कि उनको इस योजना का फायदा मिला है.


सर्वे के मुताबिक सौराष्ट्र में बीजेपी को जबरदस्त फायदा मिलने पर पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं कि इस इलाके में बीजेपी को साल 2017 के चुनाव में बहुत नुकसान हुआ था. लेकिन इस बार देखा जा रहा है कि वहां की जनता में विधायकों को लेकर गुस्सा है और इसका नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा है.


मध्य गुजरात में 61 सीटें हैं. एबीपी न्यूज-सी वोटर्स सर्वे के मुताबिक इस इलाके में बीजेपी को 45 से 49 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. वहीं कांग्रेस को 10-14 और आप को 0-2 और अन्य के खाते में 0-2 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं.


बात करें पूरे गुजरात की तो एबीपी न्यूज-सी वोटर सर्वे के मुताबिक 182 सीटों में बीजेपी के खाते में 46, कांग्रेस के खाते में 27, आप के पास 21 और अन्य के खाते में 6 प्रतिशत वोट जा सकता है. अगर ओपिनियन पोल के सर्वे की मानें तो इस प्रतिशत के हिसाब से बीजेपी को 134 से 142, कांग्रेस को 28 से 36, आप को 7 से 15 और अन्य के खाते में 0 से 2 सीटें जा सकती हैं.


एबीपी न्यूज के साथ सर्वे करने वाले सी वोटर के एडिटर खालिद अख्तर का मानना है कि आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के वोटों में सेंध लगा सकती है. वहीं राजनीतिक विश्लेषक अभय दुबे का कहना है कि आम आदमी पार्टी को वोट काट नहीं रही है वो सीधे-सीधे ले रही है और उसे वोट काटने वाली पार्टी नहीं कहा जा सकता है अगर ये सर्वे सही साबत होता है तो राष्ट्रीय स्तर पर आम आदमी पार्टी का कद बढ़ेगा.


वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह का कहना है कि बीजेपी अगर 27 साल सत्ता में रहने के बाद भी अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रही है तो ये उसका करिश्मा है. लेकिन प्रदीप सिंह सर्वे में इस बात से सहमत नही हैं कि आम आदमी पार्टी को 20 प्रतिशत वोट मिल सकता है. इसके पीछे वो वजह भी बताते हैं. उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी का गुजरात में संगठन नहीं है.