Gujarat Election 2022: गुजरात में क्यों अहम है पाटीदार समुदाय ? बीजेपी को साल 2017 में हुआ था भारी नुकसान
Gujarat Election 2022: साल 2017 में बीजेपी से पटेल समुदाय नाराज था और इसका असर ये हुआ कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था.
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी को न सिर्फ सत्ता बचाना है बल्कि कई ज्यादा सीटों से जीतना भी है. पिछली बार विधानसभा चुनाव 2022 में बीजेपी को 99 सीटें मिली थी. गुजरात में हुए पाटीदार आंदोलन ने बीजेपी को काफी नुकसान पहुंचाया था. हालाकि इस बार तस्वीर अलग है और बीजेपी के साथ पाटीदार आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल आ गए हैं. ऐसे में क्या इस बार बीजेपी को पाटीदारों का वोट मिलेगा और राज्य में वो पिछली बार से अधिक सीटें जीतने में कामयाब होगी ये तो आने वाला वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल आज जान लेते हैं पाटीदारों का राज्य में कितना वोट है और कितनी सीटों पर वो प्रभाव डाल सकते हैं.
गुजरात में पाटीदार कितनी सीटों पर प्रभाव डाल सकते हैं
गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में कुल लगभग 71 सीटें ऐसी हैं जहां पाटीदार वोटर्स सीधे तौर पर चुनाव का परिणाम प्रभावित कर सकते हैं. वहीं 52 सीटों पर उनकी आबादी 20 फीसदी से अधिक रहती है. बताया जाता है कि साउथ गुजरात और सौराष्ट्र में तो हार-जीत का अंतर भी पाटीदार समाज ही तय करता है.
साल 2017 में बीजेपी से पटेल समुदाय नाराज था और इसका असर ये हुआ कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में बीजेपी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में कुल 54 सीटों की बात करें तो बीजेपी के प्रत्याशी केवल यहां 23 सीटें जीत पाए थे.
गुजरात में कितने प्रतिशत पाटीदार
गुजरात की 6 करोड़ 30 लाख की कुल आबादी में पाटीदारों का हिस्सा 14 प्रतिशत है और कुल वोटरों की बात करें तो उसमें पाटीदार 21 प्रतिशत हैं. गुजरात में पाटीदार समुदाय को दो उपजातियों में बंटा हुआ है. एक लेउवा पटेल हैं तो दूसरे कडवा पटेल. गुजरात में 70 फीसदी लेउवा पटेल और 30 फीसदी कडवा पटेल हैं.