गुजरात में 50 सीटों पर लिंग अनुपात 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक हुई कम, जानिए इन क्षेत्रों में महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या में अंतर
Gujarat Election: 2022 की मतदाता सूची के अनुसार सबसे ज्यादा लिंग अनुपात वाले विधानसभा क्षेत्र- व्यारा, महुवा, निज़ार, मनस्वी, वांस्दा हैं. यह सभी आदिवासी आरक्षित सीटें हैं.
Gujarat Election 2022: गुजरात में 2022 की मतदाता सूची के मुताबिक 50 विधानसभा सीटों में लिंग अनुपात गिर गया है. यह 2011 जनगणना की तुलना में कम है. जबकि महिला मतदाताओं में वृद्धि हुई है. 2011 की जनगणना के मुताबिक गुजरात में लिंग अनुपात 937 था. यह जो राष्ट्रीय औसत 943 से काफी नीचे है. हालांकि, गुजरात की 2001 की जनगणना में यह आंकड़ा महज 918 था. ऐसे में चुनाव आयोग के 2022 के मतदाता सूची के आंकड़े से तुलना की जाए तो राज्य में लिंग अनुपात 934 है. इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि 1,000 पुरुषों पर 934 महिलाएं हैं. वहीं, 2017 में कुल मतदाता सूची लिंग अनुपात 921 था.
गुजरात के इस विधानसभा चुनाव में कुल 4.9 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से 2.53 करोड़ पुरुष और 2.37 करोड़ महिलाएं हैं. गुजरात के 33 जिलों में से 21 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर मतदाता सूची में लिंग अनुपात जनगणना संख्या की तुलना में कम है. चुनाव आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि इस श्रेणी के 50 विधानसभा क्षेत्र में, सबसे कम महिला मतदाता सूरत जिले के उधना में हैं, जहां प्रति 1000 पुरुष मतदाताओं पर महज 731 महिला मतदाता हैं.
महुवा सीट पर 1,000 पुरुषों पर 1048 महिलाएं
सूरत जिले की ही अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 'महुवा' विधानसभा सीट पर प्रति 1,000 पुरुषों पर 1048 महिलाएं हैं. इसके अलावा आयोग की मतदाता सूची के अनुसार, पूरे राज्य में सबसे ज्यादा लिंग अनुपात वाली सीट तापी जिले के व्यारा है, जहां 1,000 पुरुषों पर 1057 महिलाएं हैं. व्यारा भी आदिवासी सीट है.
इसी तरह 2022 की मतदाता सूची के अनुसार सबसे ज्यादा लिंग अनुपात वाले विधानसभा क्षेत्र- व्यारा, महुवा, निज़ार, मनस्वी, वांस्दा हैं. आपको बता दें कि यह सभी आदिवासी आरक्षित सीटें हैं. हालांकि, ज्यादा जनजातीय आबादी वाली कुछ सीटों पर महिला मतदाता भी कम देखने को मिल रही हैं. जैसे डांग निर्वाचन क्षेत्र में, जनगणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 1007 महिलाएं थीं. हालांकि मतदाता सूची में 995 महिलाएं हैं. इसी तरह, छोटा उदेपुर और पड़ोसी जेतपुर की आदिवासी सीटों में, जनगणना में क्रमशः 994 और 987 के मुकाबले, मतदाता सूची में 949 और 951 लिंग अनुपात है.
ग्रामीण सीटों पर कम लिंगानुपात
इसके साथ ही ग्रामीण सीटों पर भी लिंगानुपात कम देखने को मिल रहा है. गुजरात का कृषि प्रधान जिला माने जाने वाले बनासकांठा की नौ विधानसभा सीटों में से छह सीटों का लिंगानुपात जनगणना के आंकड़ों की तुलना में कम है. इसी तरह कांग्रेस के गढ़ अमरेली जिले में पांच में से चार सीटों का लिंगानुपात कम है.
गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद में भी इसी तरह का पैटर्न दिखाई देता है. साबरमती सीट पर जनगणना में 922 की तुलना में सिर्फ 908 महिला मतदाता हैं. वहीं, ऑटोमोबाइल हब साणंद में 943 महिला मतदाता हैं, जबकि जनगणना संख्या में 950 महिला हैं.
इसके अलावा गांधीनगर दक्षिण, साबरमती, गोंडल, धारी, अमरेली, लाठी और कपराडा में 2017 विधानसभा की तुलना में महिला मतदाताओं की संख्या कम है. घाटलोदिया और डांग विधानसभा में 2017 और 2022 के दरमियान लिंग अनुपात में कोई बदलाव नहीं देखा गया है.