Gujarat Polls 2022: गुजरात चुनाव में दूसरे चरण के लिए आज (05 दिसंबर को) मतदान हो रहा है. दूसरे चरण और अंतिम चरण में प्रदेश के 14 जिलों की कुल 93 सीटों पर वोटिंग जारी है. देश में कोई चुनाव कोई भी हो, किसान एक बड़ा मुद्दा रहते हैं. गुजरात चुनाव में भी किसानों पर खूब राजनीति हुई. किसानों की कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेला है.
गुजरात चुनाव में 91 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने खुद को किसान बताया है. उन्होंने अपने हलफनामे में खेती-बाड़ी को अपना प्रमुख धंधा बताया है. ये नेता पेशे से भले ही किसान हों, लेकिन इनमें से पशुधन सिर्फ एक प्रत्याशी के पास है. मतलब सिर्फ एक प्रत्याशी के पास गाय, भैंस और बैल जैसे मवेशी हैं.
शंकर चौधरी के पास है पशुधन
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम थराद सीट से बीजेपी उम्मीदवार शंकर चौधरी का नाम आता है. 91 किसान नेताओं में से शंकर चौधरी ही एकमात्र ऐसे राजनेता हैं, जिनके पास पशुधन हैं. शंकर चौधरी के हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 5.08 करोड़ रुपये की संपत्ति है, जिसमें 5.59 लाख रुपये के कृषि उपकरण और 6.04 लाख रुपये की कीमत के पशुधन हैं. उनके पास 9,000 रुपये की एक रिवॉल्वर भी है.
शंकर चौधरी कौन हैं?
बीजेपी नेता शंकर चौधरी, 2014 में मंत्री भी बन चुके हैं. पहली बार साल 1998 में राधनपुर सीट से विधायक चुने गए थे. वे अपना पहला चुनाव ही पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला के खिलाफ लड़े थे. इस चुनाव में उनकी हार हुई थी. पिछली बार भी वो वाव विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे.
किसानों के बड़े नेताओं में इनका भी नाम
किसानों के बड़े नेताओं में बीजेपी विधायक पुरुषोत्तम सोलंकी का नाम भी आता है. पारदी से चुनाव लड़ रहे बीजेपी के कनु देसाई और लाठी से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के विरजी थुम्मर का नाम भी इस लिस्ट में शुमार है. इस चुनाव में 91 उम्मीदवार ऐसे हैं जो खेती से जुड़े हैं और तीन प्रत्याशी दूध डेयरी के व्यवसाय से जुड़े हैं. 5 उम्मीदवार तो दुग्ध सहकारी संघों के निदेशक हैं, जबकि 3 प्रत्याशी दुग्ध सहकारी संघों के अध्यक्ष हैं.
मवेशियों का ख्याल रखने की व्यवस्था
देश में गुजरात में पहली बार वोट डालने के लिए किसानों के मवेशियों का ख्याल रखने की व्यवस्था की गई है. भारत में पहली बार चुनाव के दौरान एनिमल बूथ बनाए गए हैं. किसान जब अपने मवेशियों के साथ मतदान केंद्रों पर वोट डालने जाएंगे तो उनकी गाय, भैंस और बकरियों का अच्छे से एनिमल बूथ पर ख्याल रखा जाएगा. यहां मवेशियों की दवा से लेकर चारे तक का इंतजाम किया गया है.