Gujarat Elections 2022: 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में, हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी की तिकड़ी बीजेपी के रथ को कुछ हद तक रोकने में कामयाब रही थी. पाटीदारों के लिए आरक्षण के लिए हार्दिक पटेल ने बड़ा आंदोलन चलाया और उसका नेतृत्व भी किया. अल्पेश ठाकोर ने ओबीसी को एकजुट करने का काम किया और जिग्नेश मेवाणी ने दलितों को एकजुट किया. इन तीनों युवा नेताओं की सक्रियता और आंदोलन का नतीजा यह रहा कि बीजेपी के कई विधायक हार गए.
पांच साल के बाद अब स्थितियां बदल गई हैं. हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर गुजरात की जनता से वोट मांग रहे हैं, जबकि पिछली बार निर्दलीय मैदान में उतरने वाले जिग्नेश मेवाणी इस बार कांग्रेस के टिकट पर वडगाम से चुनाव लड़ेंगे.
हार्टिक पटेल
29 वर्षीय हार्दिक ने पाटीदार समुदाय के नेता के तौर पर सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया. 2017 के चुनाव से पहले ही हार्दिक गुजरात के बड़े नेता बन चुके थे, उन्होंने विधानसभा चुनाव के बाद 2019 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली और बाद में गुजरात के कार्यकारी अध्यक्ष भी बने. मगर इस चुनाव में हार्दिक अपने गृहनगर वीरमगाम से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.
अल्पेश ठाकोर
पांच साल पहले यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में अल्पेश ठाकोर कांग्रेस उम्मीदवार थे. उस समय उन्होंने चुनाव के प्रचार के दौरान यह कहकर एक विवाद खड़ा कर दिया था कि पीएम मोदी ने अपने 'गोरे रंग' को बनाए रखने के लिए रोजाना 4 लाख रुपये के मशरूम का सेवन करते हैं, लेकिन उनके उस बयान के बाद से अल्पेश ठाकोर का राजनीतिक करियर पूरी तरह बदल गया. 2022 के गुजरात चुनाव में वे गांधीनगर दक्षिण से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं.
जिग्नेश मेवाणी
गुजरात की युवा तिकड़ी में से जिग्नेश मेवाणी एकमात्र नेता हैं जो अभी बीजेपी के खिलाफ डटे हुए हैं. 41 वर्षीय जिग्नेश मेवाणी जुलाई 2016 के ऊना में हुए अत्याचार के जवाब में दलित समुदाय द्वारा राज्यव्यापी विरोध का नेतृत्व किया था. इस आंदोलन के बाद ही जिग्नेश मेवाणी को देश में पहचाना जाने लगा.
पिछले विधानसभा चुनाव में मेवाणी ने कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में वडगाम सीट जीती थी. मगर, इस बार के चुनाव में जिग्नेश मेवाणी वडगाम से कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार हैं.