Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात चुनाव को लेकर सियासी पारा बढ़ा हुआ है. बीजेपी, आप और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां गुजरात की सत्ता पर काबिज होने के लिए हर चुनावी हथकंडा अपना रही हैं. ऐसे में अब झारखंड बीजेपी के लिए यहां बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है. झारखंड के आदिवासी नेताओं की मानें तो गुजरात चुनाव में बीजेपी के लिए आदिवासी सीटें निकालना मशक्कत का काम होगा. चलिए आपको बताते हैं आखिर कैसे गुजरात के चुनाव में झारखंड सियासी खेल कर रहा है और झारखंड का इससे क्या कनेक्शन है?

गुजरात में करीब 15 प्रतिशत यानी लगभग एक करोड़ आदिवासी हैं, जिन्हें बीजेपी को वोट न देने की अपील झारखंड से मुख्यमंत्री समेत सत्ताधारी आदिवासी नेता कर रहे हैं. इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज ने कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की से बातचीत की. उन्होंने बताया कि झारखंड के सीएम आदिवासी हैं और जब से गठबंधन की सरकार बनी है तब से बीजेपी लगातार आदिवासी होने के नाते उनका अपमान कर रही है, नीचा दिखाने की कोई कसर नहीं छोड़ रही है. उन्होंने कहा कि वह अपील करते हैं कोई भी आदिवासी बीजेपी को वोट न दे. 

'आदिवासियों को लॉलीपॉप देने का काम करती है BJP'

बंधु तिर्की ने कहा कि बीजेपी आदिवासी लोगों का इस्तेमाल करती है. पार्टी आदिवासियों को ऊपर उठते हुए नहीं देख सकती. वह आदिवासियों को लॉलीपॉप देने का काम करती है. कुछ लोगों को पद देकर बहलाने का काम करती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ईडी जांच कराए उसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन, आदिवासियों का अपमान करना गलत है. 

'नहीं सहेंगे झारखंड के मुख्यमंत्री का अपमान'
 
उन्होंने कहा कि गुजरात के आदिवासियों के साथ में हमारे झारखंड के आदिवासियों का कनेक्शन है. हम सबकी बातचीत हो रही है. करीब 47 सीटें गुजरात में आदिवासी सीट हैं. हम झारखंड के मुख्यमंत्री का अपमान नहीं सहेंगे. उन्होंने कहा कि हाई कमान निर्देश देगा तो वह इन मुद्दों को लेकर आदिवासी समाज के सामने भी जाएंगे. उनके इन बयानों से अब यही माना जा रहा है कि झारखंड इस बार गुजरात चुनाव में असर डाल सकता है. 

राज्य के 10 जिले जहां आदिवासी ज्यादा हैं

जिले संख्या 
डांग 95 फीसदी
तापी  84 फीसदी
नर्मदा  82 फीसदी
दाहोद  74 फीसदी
वलसाड  53 फीसदी
नवसारी  48 फीसदी
भरूच  31 फीसदी
वडोदरा  28 फीसदी
सबारकांठा  22 फीसदी
पंचमहाल  30 फीसदी


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