कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल, कहा- राहुल गांधी ईमानदार हैं
ऐसी चर्चा है कि गुजरात की जामनगर सीट से हार्दिक लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. 1993 में जन्मे हार्दिक पटेल ग्रेजुएट हैं और उनके पिता बीजेपी के कार्यकर्ता रहे हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. हार्दिक पटेल ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ली. इससे पहले खुद हार्दिक पटेल ने एलान किया था कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. ऐसी चर्चा है कि गुजरात की जामनगर सीट से वे लोकसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि इसे लेकर अभी पुष्टि नहीं हुई है. फिलहाल इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. पूनमबेन मादाम यहां से सांसद हैं. गुजरात में लोकसभा की कुल 26 सीटें हैं.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद पाटीदार नेता ने राहुल गांधी की तारीफ की और कहा, ''कांग्रेस अध्यक्ष ईमानदार हैं. लोग मुझसे पूछते हैं कि मैंने कांग्रेस और राहुल को क्यों चुना. मैंने राहुल गांधी को चुना क्योंकि वह ईमानदार हैं. वह एक तानाशाह की तरह काम करने में विश्वास नहीं करते हैं.''
गुजरात विधानसभा चुनाव में हार्दिक ने कांग्रेस का समर्थन किया था कांग्रेस के साथ हार्दिक पटेल की करीबी गुजरात विधानसभा चुनाव में देखने को मिली. साल 2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव में हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का समर्थन किया था. हार्दिक पटेल का साथ मिलने से कांग्रेस ने राज्य के चुनाव में बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी. कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा की 182 सीटों में से 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी, हालांकि वह सरकार बनाने में कामयाब नहीं हो पाई.
25 साल के हार्दिक, पटेल समुदाय से आते हैं. पटेल समुदाय को गुजरात का सबसे संपन्न और मजबूत वर्ग माना जाता है. गुजरात की कुल जनसंख्या में लगभग 15 फ़ीसदी आबादी पटेलों की है. हार्दिक गुजरात की राजनीति में अपनी ताकत दिखा चुके हैं.
1993 में जन्मे हार्दिक पटेल ग्रेजुएट हैं और उनके पिता बीजेपी के कार्यकर्ता रहे हैं. हार्दिक ने जब पाटीदार आरक्षण की हुंकार भरी तो उनकी एक आवाज पर लाखों लोग सड़कों पर उतर आए. पाटीदार समुदाय के लोगों ने आरक्षण की मांग करते हुए पूरे राज्य में आंदोलन चलाया था. इसके नेता हार्दिक पटेल को हिरासत में लेने के बाद हिंसा भड़क उठी थी. इसमें कुछ लोगों की मौत भी हो गई थी. इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगज़नी की घटनाएं हुई थीं.
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