नई दिल्ली: गुजरात के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने तमाम कयासों के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का दामन थाम लिया है. शंकर वाघेला ने एनसीपी अध्यक्ष शकर पवार की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. एनसीपी में शामिल होने से पहले वाघेला बीजेपी और कांग्रेस के सदस्य रह चुके हैं. 2017 में शंकर सिंह वाघेला पर राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल को हराने की साजिश रचने के आरोप लगे. इन आरोपों के बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया था.


एनसीपी को उम्मीद है कि वाघेला के आने से उन्हें इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में फायदा हो सकता है. वाघेला के एनसीपी ज्वाइन करने की पुष्टि एक हफ्ता पहले ही एनसीपी के गुजरात अध्यक्ष जयंत पटेल ने कर दी थी. पटेल ने कहा, ''वाघेला राज्य और देश के बड़े नेता है. हम एनसीपी में उनका स्वागत करते हैं. उनका आना राज्य में पार्टी की स्थिति को मजबूत करेगा.''


कांग्रेस से अलग होने के बाद वाघेला ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव जनविकल्प मोर्चा बनाकर लड़े थे. हालांकि इस चुनाव में वघेला को कोई कामयाबी नहीं मिल पाई. साल 2017 के अगस्त में जब अहमद पटेल जब बड़ी मुश्किल से चुनाव जीते थे, तब वाघेला पर उन्हें हराने की साजिश के आरोप लगे थे.


वाघेला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बीजेपी से की थी. लेकिन कुछ विधायकों के समर्थन के साथ वघेला ने बीजेपी की सुरेश मेहता की सरकार गिराते हुए कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सीएम की कुर्सी पर कब्जा किया. लेकिन कुछ वक्त बाद ही कांग्रेस ने वाघेला से सर्मथन वापस ले लिया और उनकी सरकार गिर गई.


1998 के विधानसभा चुनाव में वाघेला ने राष्ट्रीय जनता पार्टी बनाई. पर चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार हुई और वह महज 4 सीटें ही जीतने में कामयाब हुए. इसके बाद वाघेला ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और कपड़वंज से 1999 और 2004 का लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुए.


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