हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: 2019 हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे राज्य के 2009 विधानसभा नतीजों से मिलते जुलते ही रहे हैं. 10 साल पहले आए चुनाव परिणाम में भी त्रिशंकु विधानसभा बनी थी और तब की सत्तारूढ़ पार्टी बहुमत के जादुई आंकड़े से छह सीट दूर रह गई थी.
साल 2009 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस को 40 सीटें मिली थीं और 2019 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी को 40 सीटें मिली हैं. साल 2009 में मुख्य विपक्षी दल इनेलो को 31 सीट मिली थीं और 2019 में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को 31 सीट मिली हैं.
2009 में भी थे ऐसे नतीजे
कांग्रेस को 2009 में सरकार गठन में सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला था और अब 2019 में बीजेपी को सरकार गठन में सात निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिलने की उम्मीद है. साल 2009 में गोपाल कांडा कांग्रेस को समर्थन देने वाले सात निर्दलीय विधायकों में शामिल थे.
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कांडा इस बार हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक के रूप में फिर से परिदृश्य में हैं. पिछली बार की तरह ही वह सिरसा से निर्वाचित हुए हैं. कांडा को तत्कालीन भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में गृह मंत्री बनाया गया था. वर्ष 2012 में उन्हें एक एअरहोस्टेस को आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रकरण में दिल्ली पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था.
उन्होंने इस बार बीजेपी को समर्थन देने का एलान किया है. हालांकि उन्हें मंत्री पद मिलेगा या नहीं इस पर स्थिति साफ नहीं है. कांग्रेस ने 2009 में निर्दलीयों के साथ ही हरियाणा जनहित कांग्रेस के छह में से पांच विधायकों का भी समर्थन लिया था.
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