नई दिल्ली: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान में राज्य के लगभग 1.82 करोड़ मतदाताओं को 1169 उम्मीदवारों के भाग्य का फ़ैसला करने का अधिकार होगा. हरियाणा की अद्यतन मतदाता सूची एवं अन्य अहम आंकड़ों के बारे में निर्वाचन आयोग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी ब्योरे के मुताबिक़ राज्य मे कुल 1,82,82,570 मतदाता हैं. इनमें 97.7 लाख पुरुष और 85 लाख महिला मतदाताओं के अलावा 724 अनिवासी भारतीय और 1.07 लाख सर्विस वोटर शामिल हैं.
Analysis: सबसे अधिक क्रिमिनल्स पर कांग्रेस को भरोसा लेकिन खट्टर के शासनकाल में बढ़ा क्राइम
राज्य की 90 विधानसभा सीटों के लिए कुल 1169 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें 1064 पुरुष, 104 महिलाएं और एक अन्य उम्मीदवार शामिल हैं. सर्वाधिक 25 उम्मीदवार हांसी सीट पर और सबसे कम छह उम्मीदवार अंबाला केंट और शाहबाद (सुरक्षित) सीट पर हैं.
हरियाणा की चुनावी दौड़ में राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त एकमात्र दल इनेलो है. राष्ट्रीय दल भाजपा और कांग्रेस ने सभी 90 सीटों पर, बसपा ने 87 और क्षेत्रीय दल इनेलो ने 81 सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं. जजपा सहित अन्य दलों ने 434 उम्मीदवार चुनाव मे उतारे हैं. जबकि 375 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान मे हैं. आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिये राज्य मे कुल 19,578 मतदान केंद्र पर 27,611 ईवीएम की मदद से मतदान कराने की तैयारी पूरी कर ली है.
70 उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामला
187 ( 17 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने हलफनामे में ये घोषित किया है कि उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इनमें 70 तो ऐसे हैं, जिनके ख़िलाफ़ हत्या और अन्य गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं, जबकि 117 यानी करीब 10% उम्मीदवारों पर अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं. पिछली बार ऐसे उम्मीदवारों की संख्या 7 फ़ीसदी थी. इस अध्ययन में 15 सीटों को रेड अलर्ट सीट घोषित किया गया है. ये ऐसी सीटें हैं, जिनमें कम से कम 3 उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं.
किस पार्टी ने कितने अपराधियों को दिए टिकट ?
अगर पार्टी के हिसाब से देखा जाए तो सबसे ज़्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को कांग्रेस ने टिकट दिया है. पार्टी के 13 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज है. इससे अलग 9 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामलों में केस दर्ज है. बड़ी पार्टियों में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को सबसे कम टिकट देने की उपलब्धि बीजेपी ने हासिल की है. जहां पार्टी के 3 उम्मीदवार पर आपराधिक मामला दर्ज है, वहीं 1 उम्मीदवार पर गंभीर अपराध में केस दर्ज है.
मनोहर लाल खट्टर के सीएम बनने से पहले के आंकड़ें
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और हरियाणा पुलिस के आंकड़ों के जरिए अब आपको सूबे में क्राइम की स्थिति बताते हैं. 2012 से 2014 के बीच यानी सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार से पहले सांप्रदायिक, औद्योगिक और राजनीतिक हिंसक झड़प 4928 हुए थे. इन दो सालों में अपहरण के 7203 मामले दर्ज किये गये. इन दो सालों में 2813 रेप की घटना हुईं.
मनोहर लाल खट्टर के सीएम बनने के बाद के आंकड़ें
2015 से 2017 के बीच यानी सीएम मनोहर लाल खट्टर की सरकार के दौरान सांप्रदायिक, औद्योगिक और राजनीतिक हिंसक झड़प 7139 हुए, अर्थात इन दो सालों में हिंसक झड़पों की संख्या बढ़ गई. इन दो सालों में अपहरण के 12060 मामले दर्ज किये गये. इन दो सालों में 3577 रेप की घटना हुईं. अर्थात इन दो सालों में रेप और अपहरण जैसी घटनाएं भी बढ़ गईं. यहां गौर करने वाली बात यह है कि गाय को लेकर हेट क्राइम की 14 घटनाएं भी हुईं. इसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 36 घायल हुए.