दिलचस्प कहानी : 17 साल RSS प्रचारक रहने वाले खट्टर कैसे बन गये सीएम? ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान दिल्ली में चलाते थे दुकान
मनोहर लाल खट्टर के नामांकन पत्र से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालों में उनकी चल/अचल संपत्ति दोगुनी हो गई है. जहां 2014 में उनकी कुल चल/अचल संपत्ति 61 लाख 29 हजार 952 रुपए की थी वहीं 2019 में ये बढ़कर 1 करोड़ 27 लाख 985 रुपए की हो गई है.
नई दिल्ली: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर की बहुत ही फिल्मी सियासी कहानी है. पहला चुनाव लड़े और फिर मुख्यमंत्री बन गये. लाइम लाइट से दूर रहने वाले खट्टर पर पूरे देश की नजर है. लोकतंत्र में चुनाव को सबसे बड़ा पर्व माना जाता है औैर इस पर्व में मुद्दे इसकी उमंग को बढ़ाते हैं. सियासत के कायदे वही हैं जो लोकतंत्र को रास्ता दिखाए. मनोहर लाल खट्टर ने अपनी स्याही से जो हरियाणा का भविष्य गढ़ा है, अब जनता से उसकी मुहर का वक्त करीब आ गया है. हरियाणा में वंशवाद की बेल के बीच मनोहर लाल खट्टर वंशवाद के आरोप से मुक्त हैं. अक्सर चुनावी पर्व के दौरान ये कहा जाता है कि सियासत में परिवारवाद ने लोकतंत्र को सामंती बना दिया है.
डेढ दशक से अधिक आरएसएस का प्रचारक रहने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने बीजेपी ज्वाइन की थी. बीजेपी से जुड़ने के 20 साल बाद उन्होंने अपना पहला चुनाव लड़ा. 2014 में लोकसभा चुनाव की जीत से जो मोदी लहर का आगाज हुआ था उसकी वजह से बीजेपी हरियाणा में पहली बार विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में कामयाब रही. 2014 में हरियाणा में कैप्टन अभिमन्यू, रामबिलास शर्मा, अनिल विज, कृष्ण पाल बड़े चेहरों के बजाए बीजेपी ने सबको चौंकाते हुए मनोहर लाल खट्टर को राज्य का सीएम बनाया. मनोहर लाल खट्टर बीजेपी का सरप्राइज पैकेज इसलिए थे क्योंकि 2014 में ही उन्होंने अपनी जिंदगी का पहला चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की.
इतनी जायदाद के मालिक हैं खट्टर मनोहर लाल खट्टर के नामांकन पत्र से मिली जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालों में उनकी चल/अचल संपत्ति दोगुनी हो गई है. जहां 2014 में उनकी कुल चल/अचल संपत्ति 61 लाख 29 हजार 952 रुपए की थी वहीं 2019 में ये बढ़कर 1 करोड़ 27 लाख 985 रुपए की हो गई है. 2014 में मनोहर लाल के पास 1 लाख रुपए कैश थे लेकिन फिलहाल ये घटकर 15 हजार हो चुके हैं.
इसके साथ ही बैंक में जमा पैसों की बात करें तो 2014 में मनोहर लाल के 2 लाख 29 हजार 952 रुपए बैंक में जमा थे जो 2019 में बढ़कर 93 लाख 85 हजार 985 रुपए हो गए हैं. मनोहर लाल खट्टर के पास रोहतक के बनयानी गांव में अपना सिर्फ एक पैतृक मकान और खेतिहर जमीन है जो उन्हें पुरखों से मिली है, जिनकी मौजूदा कीमत करीब 33 लाख रुपए है जो 2014 में 53 लाख रुपए के करीब थी. 2014 में दिए हलफनामे में मनोहर लाल ने 6 लाख 20 हजार रुपए के बैंक लोन का जिक्र किया था लेकिन फिलहाल उसे चुकाया जा चुका है.
हलफनामे के मुताबिक 2014-15 वित्तीय वर्ष में मनोहर लाल खट्टर की सालाना आय 11 लाख 25 हजार रुपए थी जो 2018-19 में बढ़कर 28 लाख 95 हजार 972 रुपए हो गई है. 2014 में दिए हलफनामे के मुताबिक तो मनोहर लाल की साल 2013-14 में कुल आय 2 लाख 73 हजार रुपए थी. हलफनामे में मुताबिक मनोहर लाल पर आज तक कोई भी आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.
कभी एक दुकान चलाते थे हालांकि विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले मनोहर लाल खट्टर ने संघ और राजनीति में एक लंबा सफर तय किया. खट्टर का जन्म 1954 में रोहतक जिले के बनियानी गांव में हुआ था. खट्टर का परिवार आजादी के बाद पाकिस्तान से आकर इस गांव में बसा था. खट्टर ने 12वीं तक की पढ़ाई रोहतक से की. इसके बाद ग्रेजुएशन करने के लिए खट्टर दिल्ली पहुंचे. दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के दौरान खट्टर सदर बाजार में एक दुकान भी चलाया करते थे. 1977 में खट्टर ने आरएसएस को ज्वाइन करने का फैसला किया और वह संघ के फुल टाइम प्रचारक बन गए. 1994 में मनोहर लाल खट्टर बीजेपी के सदस्य बने. 2000 में खट्टर को हरियाणा का महासचिव बनाया गया. इसके बाद खट्टर 2014 लोकसभा चुनाव में हरियाणा इलेक्शन कमेटी के चेयरमैन भी रहे.
2014 के विधानसभा चुनाव में खट्टर को करनाल से विधानसभा टिकट दिया गया. चूंकि खट्टर रोहतक के रहने वाले थे इसलिए करनाल से टिकट मिलने पर उन्हें थोड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा. विरोध के बावजूद खट्टर बड़े अंतर से चुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रहे. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली. मनोहर लाल खट्टर को सहमति के साथ सीएम चुनाव गया और वह राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने.