Haryana Assembly Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और अब बारी उम्मीदवारों के नाम के ऐलान की है. आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट जारी हो सकती है. बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने कई दौर की बैठक की है, जिसमें से 55 सीटों पर नाम फाइनल होते हुए नजर आ रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं कि हरियाणा के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट कब आएगी, किन्हें इसमें जगह मिल सकती है और किनका पत्ता कटने वाला है.
हरियाणा बीजेपी चीफ मोहन लाल बड़ौली ने शनिवार (31 अगस्त) को दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की. उन्होंने खुद के चुनाव लड़ने की खबरों को भी खारिज कर दिया. बड़ौली ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करनाल के बजाय कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा से चुनाव लड़ेंगे. मोहन लाल बड़ौली ने कहा, "नायब सिंह सैनी लाडवा से चुनाव लड़ेंगे, जबकि मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा. 90 विधानसभा क्षेत्रों के सभी उम्मीदवारों के साथ समन्वय स्थापित करना मेरी जिम्मेदारी है."
कब आएगी बीजेपी की पहली लिस्ट?
हरियाणा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट रविवार (1 सितंबर) को आ सकती है. इसकी वजह ये है कि हरियाणा बीजेपी चीफ मोहन लाल बड़ौली ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि उन्होंने फाइनल किए गए उम्मीदवारों की लिस्ट भी इस दौरान उन्हें सौंप दी है. शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद बड़ौली ने कहा, "अब तक हमने गठबंधन के साथ चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. सीईसी की बैठक हुई, जिसमें सभी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. पहली लिस्ट में कुछ उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया जाएगा और बाकी की घोषणा बाद की सूची में की जाएगी."
बीजेपी की पहली लिस्ट में कितने नाम हो सकते हैं?
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक बीजेपी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया, "करीब 55 सीटें फाइनल हो चुकी हैं, लेकिन बाकी 35 सीटों पर अभी भी मंथन चल रहा है. बैठकें शुक्रवार तक चलती रहेंगी और नतीजों से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा, जो अगले कदम पर आखिरी फैसला लेगा." इस बात की पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि बीजेपी की तरफ से जिन 55 सीटों को फाइनल किया गया है, उनके उम्मीदवारों की पहली लिस्ट रविवार (1 सितंबर) को जारी हो सकती है.
हरियाणा बीजेपी की लिस्ट आने में देरी की वजह क्या है?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि ऐसी धारणा बन रही है कि हरियाणा जैसे छोटे राज्य के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में पार्टी ने अपेक्षा से ज्यादा समय ले लिया है. लोकसभा चुनाव में पांच सीटें गंवाने के बाद विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पर दबाव है. उसे सत्ता विरोधी लहर का भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उम्मीदवारों के नामों के ऐलान से पहले मंथन किया जा रहा है, ताकि हर सीट पर जातीय समीकरण साधते हुए प्रत्याशी उतारे जा सकें. सत्ता विरोधी लहर होने के चलते कई उम्मीदवारों को बदलने की वजह से भी लिस्ट जारी होने में देरी हो रही है.
सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि हर सीट के लिए सर्वे करवाया गया है, ताकि सही उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया जा सके. प्रत्याशियों के नाम के ऐलान के बाद किसी भी तरह की खेमेबाजी को रोकने के चक्कर में भी लिस्ट आने में दे रही है. बीजेपी को डर है कि अगर किसी बड़े नाम को मौका नहीं मिलता है, वह कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल जैसी पार्टियों में शामिल हो सकता है. बीजेपी इस तरह का मौका किसी को नहीं देना चाहती है.
बीजेपी की चुनावी लिस्ट में बड़े नाम कौन हो सकते हैं?
बीजेपी की पहली लिस्ट में कुछ चौंकाने वाले नाम हो सकते हैं. अनिल विज अंबाला से मैदान में उतर सकते हैं. किरण चौधरी या उनकी बेटी श्रुति में से किसी एक को टिकट दिया जा सकता है. गोहना से पूर्व सांसद अरविंद शर्मा, फरीदाबाद से पूर्व मंत्री विपुल गोयल, हिसार सीट से कमल गुप्ता भी टिकट रेस में आगे चल रहे हैं. बीजेपी रतिया से पूर्व सांसद सुनीता दुग्गत और पंचकुला से राज्यमंत्री असीम गोयल को चुनावी मैदान में उतार सकती है.
ठीक ऐसे ही केंद्रीय मंत्री राव बीरेंद्र सिंह की बेटी आरती सिंह और केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी को भी टिकट की रेस में आगे माना जा रहा है. कुछ ऐसे भी नेता हैं, जिन्हें चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. कविता जैन, कैप्टन अभिमन्यु, राव नरबीर, कृष्ण कुमार बेदी, विपुल गोयल जैसे नेता चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
किन लोगों का हरियाणा चुनाव के लिए कटेगा पत्ता?
बीजेपी जहां कुछ नए चेहरों पर दांव लगाने वाली है तो वहीं कुछ बड़े नेताओं के टिकट काटने की भी तैयारी है. पहलवान योगेश्वर दत्त इसमें बड़ा नाम हैं. उनके अलावा पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर, पूर्व मंत्री संदीप सिंह, कमलेश ढांडा, स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता, तरुण जैन, सावित्री जिंदल और डॉ. ज्ञानचंद्र गुप्ता का भी टिकट काटा जा सकता है.
हरियाणा में क्यों बदली चुनावी तारीख?
हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीख में बदलाव भी हुआ है. मतदान दिवस को 1 अक्टूबर से बदलकर 5 अक्टूबर, 2024 कर दिया गया है. इसी तरह से वोटों की गिनती की तारीख में भी बदलाव किया गया है. पहले वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन अब 8 अक्टूबर को मतगणना की जाएगी. हरियाणा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान भी 8 अक्टूबर को किया जाएगा.
चुनाव आयोग ने बताया है कि मतदान की तारीख में बदलाव का फैसला बिश्नोई समुदाय के मतदान के अधिकार और परंपराओं दोनों का सम्मान करते हुए लिया गया है. आयोग ने कहा कि बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर की याद में आसोज अमावस्या उत्सव समारोह में भाग लेने की सदियों पुरानी प्रथा को बरकरार रखा है.
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