Haryana Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कौन हरा सकता है, योगेंद्र यादव की भविष्यवाणी पढ़िए
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने अपना बड़ा आकलन बताया. ये भी कहा कि हरियाणा में काग्रेस को कौन हरा सकता है.
Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सभी राजनीतिक दल एक्टिव हो चुके हैं और अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. चुनावी विश्लेषक भी अपनी-अपनी भविष्यवाणियां करने में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने अपना बड़ा आकलन बताया है. उनके अनुसार हरियाणा में भाजपा की स्थिति कमजोर लग रही है, जबकि कांग्रेस को लेकर उनका बयान चौंकाने वाला है. उन्होंने क्या कहा आपको बताते हैं.
न्यूज तक से बातचीत के दौरान योगेंद्र यादव से जब यह पूछा गया कि हरियाणा में वर्तमान की स्थिति को देखकर उनका क्या कहना है तो उन्होंने इसके ऊपर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि एक वक्त लोकसभा चुनाव में भाजपा को 10 में से 10 सीटें मिली, हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को 90 में से 41 सीटें मिली. अब लोकसभा चुनाव में 10 में से पांच सीटें आई हैं, वह भी मोदी जी के नाम के बाद तो विधानसभा चुनाव में क्या परिणाम होंगे यह सारी दुनिया को पता है. इसके लिए कोई गणित की आवश्यकता नहीं है. मोटा अंदाजा हर कोई लगा सकता है. उन्होंने कहा कि भाजपा बैकफुट पर है और इसमें कोई संदेह नहीं है.
बीजेपी कांग्रेस को नहीं हरा सकती
योगेंद्र यादव का कहना था कि सड़कों पर लोग कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस को बीजेपी नहीं हरा सकती क्योंकि कांग्रेस को सिर्फ कांग्रेस ही हरा सकती है. वह पूरी हरियाणा की राजनीति का खेल है. हरियाणा में यादवों की राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि वह किसी जाति विशेष के नाम पर बने क्षेत्र के नाम वह पसंद नहीं करते. उन्होंने कहा कि रोहतक, झज्जर और सोनीपत बेल्ट को वह दक्षिण हरियाणा कहना ही पसंद करते हैं. दक्षिण हरियाणा में फरीदाबाद, मेवात, गुड़गांव, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ जिले भी शामिल है जो यादव बाहुल्य नहीं है. हालांकि, उनका यह भी कहना था कि इसमें कोई शक नहीं है कि दक्षिण हरियाणा पूरे हरियाणा राज्य का उपेक्षित क्षेत्र रहा है.
दक्षिण हरियाणा कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा चैलेंज
दक्षिण हरियाणा प्रशासन की दृष्टि से, योजनाओं की दृष्टि से, विकास की दृष्टि से और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की दृष्टि से उपेक्षित रहा है. इसमें भी कोई शक नहीं है कि भाजपा ने इसका फायदा उठाया है. भाजपा ने दिखाया कि वह दक्षिण हरियाणा के लोगों के साथ न्याय कर रही हैं. हालांकि, ऐसा कुछ हुआ नहीं. जाहिर सी बात है कि कांग्रेस कम बैक करना चाहती है, इसलिए उसे दक्षिण हरियाणा में अपनी छवि सुधारने की जरूरत होगी. यह सभी जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को अन्य राज्यों में काम सीटें आई, लेकिन दक्षिण हरियाणा के लगभग सारी सीटें भाजपा के खेमे में गई थी. दक्षिण हरियाणा कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है. अब कांग्रेस के मेनिफेस्टो में दक्षिण हरियाणा के लोगों के लिए क्या होगा, यह जनता देखना चाहेंगी, क्योंकि कांग्रेस पहले बहुत बदनाम हुई है कि उसने केवल हरियाणा के दो-तीन शहरों के लिए ही काम किया.
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