Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो गए हैं. राज्य में किसकी सरकार बनेगी, इस पर एग्जिट पोल भी आ गया है. लगभग सभी एग्जिट पोल में कांग्रेस को आगे बताया गया है. इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन को 90 में से 59 सीटें और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को 21 सीटें मिलने का अनुमान है.
ध्रुव रिसर्च के एग्जिट पोल में राज्य में इंडिया गठबंधन को 57 सीटें और एनडीए गठबंधन को 27 सीटें मिलने का अनुमान है. साथ ही अन्य पार्टियों को 0 से 6 सीटें मिलने का अनुमान है. सीएनएन 24 के एग्जिट पोल में राज्य में इंडिया गठबंधन को 59 सीटें और एनडीए गठबंधन को 21 सीटें मिलने का अनुमान है. साथ ही अन्य पार्टियों को 10 सीटें मिलने का अनुमान है. इसके साथ ही कांग्रेस में अब कई नेता मुख्यमंत्री पद के लिए अपने दावेदारी पेश कर चुके हैं. आइये जानते हैं कि मुख्यमंत्री पद के लिए किन नेताओं का नाम आगे आ रहा है.
भूपिंदर सिंह हुड्डा
इस लिस्ट में पहला नाम निवर्तमान विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का है. उन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी का नेतृत्व किया है. इसके अलावा वो 2005 से 2014 तक दो बार सीएम भी चुके हैं. मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करते हुए उन्होंने कहा था, "मैं अभी रिटायर नहीं हुआ हूं. राज्य में कांग्रेस ही सरकार बनाएगी. इसके अलावा यह पार्टी आलाकमान ही तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा."
कुमारी शैलजा
इस रेस में दूसरा नाम अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा का है. एक प्रमुख दलित चेहरा होने के अलावा वह गांधी परिवार के बेहद करीबी हैं. अपनी दावेदारी पेश करते हुए उन्होंने कहा था, "कांग्रेस मेरे अनुभव और पार्टी के प्रति मेरी निर्विवाद निष्ठा को खारिज नहीं कर सकती हैं. मैं कांग्रेस की वफादार सिपाही हूं और हमेशा रहूंगी. हर कोई जानता है कि कांग्रेस में सीएम को लेकर फैसला पार्टी आलाकमान करती है."
दीपेंद्र हुड्डा
सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि अगर भूपिंदर सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर होते हैं तो वो बेटे दीपेंद्र हुड्डा का नाम भी आगे कर सकते हैं. सीएम पद को लेकर उन्होंने कहा था, "कुमारी शैलजा ने जो कहा है, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. इसके लिए कांग्रेस में एक प्रक्रिया है. पार्टी के लिए पहली प्राथमिकता बहुमत हासिल करना और सरकार बनाना है. मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी आलाकमान के स्तर पर एक बैठक होती है. इसमें निर्वाचित विधायकों से सलाह ली जाती है और अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान द्वारा लिया जाता है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला
रणदीप सिंह सुरजेवाला के नाम पर भी चर्चा काफी ज्यादा तेज है. अपने गृह क्षेत्र कैथल में अपना वोट डालने के बाद राज्यसभा सांसद और एआईसीसी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था, "सीएम बनने की महत्वाकांक्षा रखना गलत नहीं है. हम सीएम चेहरे के लिए राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा लिए गए निर्णय को स्वीकार करेंगे."
उदय भान
पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा कांग्रेस प्रमुख और दलित नेता उदय भान भी सीएम पद के दावेदारों में से एक हैं. उन्हें भूपिंदर सिंह हुड्डा का करीबी माना जाता है. द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि दिल्ली में एआईसीसी नेताओं के साथ एक बैठक में उन्होंने राज्य में एक दलित चेहरे को आगे करने की बात कही थी.