Haryana Elections 2024: जितनी हो रही देरी, उतना बढ़ रहा सस्पेंस! आज BJP तो कल कांग्रेस की आ सकती है लिस्ट
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 के लिए प्रत्याशी घोषित करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी शुरुआत कर चुकी हैं.
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस के कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट में देरी की वजह से दोनों दलों के उम्मीदवारों के बीच सस्पेंस बढ़ता जा रहा है. तारीख पर तारीख गुजरती जा रही है मगर सूची न आने के चलते बीजेपी और कांग्रेस के अंदरखाने में सियासी हलचलें तेज हो रही हैं. दोनों ही पार्टियों में जो नेता टिकट की आस लगाए बैठे हैं, उनके बीच फिलहाल सुगबुगाहट और तेज हो चली है.
इस बीच, सूत्रों ने 'एबीपी न्यूज' संवाददाता को जानकारी दी कि हरियाणा के बीजेपी उम्मीदवारों की पहली लिस्ट आज यानी सोमवार (दो सितंबर, 2024) को आ सकती है. यह दोपहर के आस-पास या फिर शाम को जारी की जा सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि इस लिस्ट में 55 नाम हो सकते हैं. एक दिन पहले यानी कि रविवार (एक सितंबर, 2024) देर शाम बीजेपी की छोटी टोली की मीटिंग दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान (राज्य के चुनाव प्रभारी) के घर पर हुई. सूत्रों के हवाले से हिंदी अखबार 'दैनिक भास्कर' की रिपोर्ट में जानकारी दी गई कि 35 से 40 उन सीटों पर चर्चा कर ली गई है, जहां दल के पास सिर्फ एक ही नाम है.
कांग्रेस, JJP और AAP की लिस्ट पर यह है अपडेट
बीजेपी से इतर हरियाणा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट कल यानी मंगलवार (तीन सितंबर, 2024) को आ सकती है. सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस कम से कम दो लिस्ट लेकर आएगी, जिनमें दूसरी सूची छह या सात सितंबर को जारी की जा सकती है. इस बीच, मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जेजेपी भी सोमवार को दर्जन भर से अधिक नामों का ऐलान कर सकती है, जबकि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) तीन सितंबर को पहली लिस्ट लाएगी, जिसमें करीब 20 नाम हो सकते हैं.
हरियाणा में कब मतदान और कब आएंगे परिणाम?
हरियाणा में फिलहाल बीजेपी की सरकार है और सीएम नायब सिंह सैनी हैं. 90 विधानसभा सीटों वाले प्रदेश में इस बार एक ही चरण में विस चुनाव होंगे. पांच अक्टूबर, 2024 को वोट डाले जाएंगे, जबकि आठ अक्टूबर 2024 को चुनावी परिणाम आएंगे. प्रदेश में यह इलेक्शन इन तारीखों से पहले होना था पर चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार को ध्यान में रखते हुए चुनावी तारीखें बदलने का फैसला लिया. किसी भी दल को बहुमत के लिए राज्य में 46 सीटें चाहिए होंगी.
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