Haryana Elections 2024: हरियाणा के सियासी दंगल की ये हैं टॉप 10 हॉट सीट्स, जहां बड़ी टाइट होगी फाइट!
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुकोणीय मुकाबला होने वाला है और ऐसी 10 सीटें हैं, जहां पर फाइट बहुत तगड़ी देखने को मिल रही हैं.
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Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार पांच प्रमुख दल मैदान में हैं. यह बहुकोणीय मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प बना हुआ है क्योंकि चुनावी दंगल में कई दिग्गज मैदान में उतरे हैं, जिनकी सीटें हॉट सीट बन गई हैं.
हरियाणा की 10 हॉट सीट कौन-कौन सी?
गढ़ी सांपला किलोई
गढ़ी सांपला किलोई जाट नेताओं में सबसे अहम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ है. हरियाणा की आबादी में जाट समुदाय की हिस्सेदारी 25 फीसदी है और यह देसवाली बेल्ट का केंद्रीय हिस्सा है, जिसमें रोहतक, झज्जर और सोनीपत जिले शामिल है. पांच दशक से राजनीति में सक्रिय भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ यहां से भाजपा ने मंजू हुड्डा को मैदान में उतारा है, जो गैंगस्टर राजेश हुड्डा की पत्नी है. मंजू हुड्डा हरियाणा के एक पूर्व सीनियर पुलिस ऑफिसर की बेटी है.
तोशाम सीट
दूसरे नंबर पर है तोशाम सीट. कांग्रेस ने यहां से क्रिकेट प्रशासक से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी को उम्मीदवार बनाया है वहीं भाजपा ने श्रुति चौधरी को मैदान में उतारा है. यह सीट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर हरियाणा के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के चचेरे भाई के पोते और पोती मैदान में उतरे हैं.
अंबाला कैंट
तीसरे नंबर पर है अंबाला कैंट, जहां से भाजपा के ताकतवर नेता अनिल विज मैदान में उतरे हैं, जो छह बार से इस सीट से विधायक रह चुके हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में सबसे शक्तिशाली मंत्रियों में से एक अनिल विज ने 2023 में नूंह हिंसा के समय हरियाणा के गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. हालांकि, वह मौजूद नायब सिंह सैनी मंत्रिमंडल से दूर हैं.
इस सीट पर कांग्रेस ने परविंदर सिंह परी को मैदान में उतारा है. यहां से कांग्रेस के एक अन्य उम्मीदवार निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जो पिछली बार चुनाव में अनिल विज से 20 हजार वोटों से हार गई थी.
लाडवा विधानसभा सीट
चौथे नंबर पर है लाडवा विधानसभा सीट मनोहर लाल के इस्तीफा के बाद से नायब सिंह सैनी करनाल से उपचुनाव में विधानसभा के लिए चुने गए थे. दरअसल, नायब सैनी अपनी करनाल सीट से लड़ना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें लाडवा से मैदान में उतारा, जो कि भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है.
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कुरुक्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र के लाडवा विधानसभा क्षेत्र में 47.14 फीसदी वोट हासिल किए थे. हालांकि, यह 2019 के लोकसभा चुनाव में प्राप्त 58.5 फीसदू से कम है, लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव में प्राप्त 32.7 फीसदी से यह काफी बेहतर है. कांग्रेस ने लाडवा से मौजूदा विधायक मेवा सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने 2019 में 12637 वोटो से जीत हासिल की थी.
बदली निर्वाचन क्षेत्र
पांचवें नंबर पर है बदली निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को मैदान में उतारा है जो एक जाट नेता है और पूर्व राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. 2014 में इस सीट पर जीतने वाले धनखड़ 2019 में कांग्रेस के कुलदीप वत्स से हार गए थे जो अपनी सीट बरकरार रखने के लिए इस विधानसभा चुनाव में भी खड़े हुए हैं.
होडल विधानसभा सीट
छठे नंबर पर है होडल विधानसभा सीट जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. यहां से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक जगदीश नायर को टिकट न देकर हरिंदर सिंह रामरतन पर दांव लगाया है. पिछले चुनाव में जगदीश नायर ने केवल 3300 वोटों से जीत हासिल की थी. इस सीट पर कांग्रेस को जीत दर्ज करना इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पार्टी में हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदय भान को इस सीट से मैदान में उतारा है, जो इसके पहले चार बार इस सीट से जीत चुके हैं.
हिसार विधानसभा सीट
हिसार विधानसभा सीट, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र है, लेकिन इस बार यह और भी महत्वपूर्ण हो गया है क्योंकि भारत की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने यहां से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला जिंदल की ओर से इसलिए लिया गया क्योंकि भाजपा ने यहां से उनकी जगह मौजूदा विधायक और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता को मैदान में उतारा है.
सावित्री जिंदल ने इस साल मार्च में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गई थीं. बेटे नवीन जिंदल के भाजपा में शामिल होने के कुछ समय बाद ही वह भाजपा में शामिल हो गई थीं. इस सीट से कांग्रेस ने रामनिवास रारा को मैदान में उतारा है.
कैथल विधानसभा क्षेत्र
कैथल विधानसभा क्षेत्र, जहां से रणदीप सुरजेवाला के बेटे आदित्य पहली बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं. 2019 में रणदीप सुरजेवाला भाजपा की लीला राम गुर्जर से हार गए थे, जो इस बार अपनी सीट बचाने की पूरी कोशिश करेंगे.
जुलाना निर्वाचन क्षेत्र
जुलाना निर्वाचन क्षेत्र, जहां से ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट के राजनीतिक करियर की शुरुआत होगी. विनेश भाजपा के कप्तान योगेश बैरागी और आप की कविता देवी, जो खुद एक पहलवान भी है, के खिलाफ चुनाव लड़ने वाली है.
उचाना विधानसभा सीट
उचाना विधानसभा सीट, जहां से जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला भाजपा के देवेंद्र अत्री और कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस के बृजेंद्र सिंह इस साल मार्च में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस सीट से 2019 के चुनाव में चौटाला ने बृजेंद्र सिंह की मां प्रेमलता को हराया था.
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