हरियाणा: कुलदीप बिश्नोई का बड़ा बयान, कहा- 'पहले भी सीएम की रेस में था, आज भी हूं'
कुलदीप बिश्नोई ने साल 2005 में पिता भजनलाल को सीएम न बनाए जाने से हुई नाराजगी से लेकर 2007 में अलग पार्टी बनाने और 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने से लेकर 2016 में कांग्रेस में वापसी तक के तमाम सवालों के जवाब दिए.
हरियाणा विधानसभा चुनाव: हरियाणा में कांग्रेस के कद्दावर नेता और आदमपुर से उम्मीदवार कुलदीप बिश्नोई ने मुख्यमंत्री बनने को लेकर बड़ा बयान दिया है. कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि मैं पहले भी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की रेस पर था और आज भी रेस में हूं. बिश्नोई ने बीजेपी उम्मीदवार सोनाली फोगाट के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और गैर जिम्मेदाराना बताते हुए कहा है कि उन्होंने घमंड में बयान दिया है. ऐसे बयान फिल्मों में अच्छे लगते हैं. जनता को सोनाली फोगाट से देशभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए.
जीत हमेशा आदमपुर की ही होती है- कुलदीप बिश्नोई
कुलदीप बिश्नोई ने कहा, ‘’बीजेपी ने आदमपुर में अगर कोई मजबूत उम्मीदवार उतारा होता तो यहां के लोगों को भी चुनाव में मजा आता. आदमपुर में हमेशा आदमपुर बनाम बाहरी का चुनाव होता है और जीत हमेशा आदमपुर की ही होती है.’’ इस दौरान कुलदीप बिश्नोई ने साल 2005 में पिता भजनलाल को सीएम न बनाए जाने से हुई नाराजगी से लेकर 2007 में अलग पार्टी बनाने और 2014 में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने से लेकर 2016 में कांग्रेस में वापसी तक के तमाम सवालों के जवाब दिए.
कुलदीप ने आगे कहा, ‘’बीते 14 सालों में मुझे अपने किसी फैसले पर अफसोस नहीं है. मुझे बीजेपी और कांग्रेस से धोखे मिले हैं, जिससे मुझे काफी कुछ सीखने को मिला.’’ कुलदीप बिश्नोई ने आरोप लगाया कि कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी हरियाणा जनहित कांग्रेस बनाने के बाद बीजेपी उनके पास गठबंधन करने आई थी. बीजेपी ने वादा किया था कि वही अगले सीएम बनेंगे. हम साथ में 2014 का लोकसभा चुनाव भी लड़े, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने धोखा दिया और कहा कि उन्हें मेरी जरूरत नहीं है.’’
राहुल के कहने पर कांग्रेस में वापस आया- कुलदीप बिश्नोई
उन्होंने आगे कहा, ‘’साल 2009 में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता की चाभी हाथ में थी, लेकिन मेरे 6 में से 5 विधायक खरीदकर कांग्रेस ने सरकार बना ली जो असंवैधानिक था. हालांकि मैं कभी भी कांग्रेस से उस तरह से अलग नहीं हुआ. राहुल गांधी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं और उनके कहने पर ही 2016 में मैं कांग्रेस में वापस आया.’’
लोकसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य ने हिसार से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें अपनी पारिवारिक आदमपुर सीट पर भी बढ़त नहीं मिली थी. इसके जवाब में कुलदीप बिश्नोई का कहना है कि लोकसभा चुनाव में मोदी की लहर थी, जिसमें बड़े-बड़े नेता हारे, राहुल गांधी भी हारे थे, इसलिए मेरे बेटे को अगर आदमपुर में बढ़त नहीं मिली तो ये कोई चिंता की बात नहीं है.
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