चंडीगढ़ः चुनाव से महज दो हफ्ते पहले हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. तंवर को महीने भर पहले ही हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था. तभी से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे तंवर की जब टिकट वितरण में नहीं सुनी गई तो दो दिनों पहले उन्होंने खुल कर बगावत का बिगुल बजाते हुए टिकट बेचे जाने का आरोप लगाया और पार्टी की सभी कमिटियों से इस्तीफा दे दिया था. तंवर ने कहा कि वो दो दिन पहले ही पार्टी से इस्तीफा देने जा रहे थे लेकिन तब उन्होंने मन बदल लिया था लेकिन अब पानी सर के ऊपर चला गया है.


"राहुल के करीबियों की हो रही है राजनीतिक हत्या"


अपने इस्तीफे के साथ तंवर ने सबसे बड़ा आरोप ये लगाया कि राहुल गांधी ने पिछले डेढ़ दशक में जिन नेताओं को आगे बढ़ाया उन्हें खत्म करने का षड्यंत्र किया जा रहा है. तंवर ने कहा कि राहुल गांधी के नजदीकी नेताओं की राजनीतिक हत्या की जा रही है. तंवर ने अपने साथ मुम्बई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम, झारखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ की राजनीतिक हत्या हो चुकी है कुछ की होने वाली है.


"हुड्डा ने करीबियों को टिकट दिए, आजाद ने खेला गंदा खेल"


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखी इस्तीफे की चिट्ठी में अशोक तंवर ने टिकट वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ठीकरा भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रभारी गुलाम नबी आजाद पर फोड़ा. तंवर ने आरोप लगाया कि उनके सुझावों को दरकिनार कर ज्यादातर टिकट हुड्डा के करीबियों को दिए गए. तंवर ने गुलाम नबी आजाद पर 'गंदा खेल' खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि आजाद ने दी गई जिम्मेदारी का 'सौदा' कर लिया. दो दिनों पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंवर ने कहा था कि हरियाणा कांग्रेस 'हुड्डा कांग्रेस' बन गई है. हालांकि टिकट बेचे जाने के आरोप पर तंवर ने कहा कि लेनदेन की जानकारी उन्हें नहीं है लेकिन ऐसे आरोप कई नेताओं ने लगाए हैं.


"हुड्डा के सुरक्षाकर्मियों ने मारपीट की लेकिन कुछ नहीं हुआ"


चिट्ठी में तंवर ने ये भी शिकायत की है अक्टूबर 2016 में राहुल गांधी की 'खाट सभा' के समापन पर दिल्ली में हुड्डा के सुरक्षाकर्मी और करीबियों ने उनपर लाठियों से हमला किया था. इसके बावजूद हुड्डा पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. तंवर के मुताबिक इससे पहले भी कई मौकों पर हुड्डा गुट ने उनके खिलाफ बवाल किया. यहां तक कि उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते पांच सालों में ब्लॉक और जिला कमिटियों का गठन नहीं होने दिया गया.


"बीजेपी में शामिल नहीं होंगे"


अपनी आगे की योजना का तंवर ने खुलासा नहीं किया हालांकि ये जरूर कहा कि बीजेपी में शामिल होने की कोई योजना नहीं है. तंवर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि "मैं कहीं नहीं जा रहा, बीजेपी से लेकर कई पार्टियों से बुलावा आया लेकिन मैं कहीं नहीं गया. आगे साथियों से विचार कर फैसला करेंगे"


"अस्तित्व के संकट से गुजर रही है कांग्रेस"


अशोक तंवर ने कहा कि कांग्रेस आज अपने अस्तित्व के संकट से गुजर रही है और इसकी वजह कांग्रेस के राजनीतिक विरोधी नहीं बल्कि पार्टी के आंतरिक विरोधाभास हैं. इस्तीफा सार्वजनिक करने के बाद तंवर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस के ही कुछ नेता 'कांग्रेस मुक्त भारत' अभियान चला रहे हैं. हालांकि तंवर ने किसी भी नेता का नाम नहीं लिया और कांग्रेस हाई कमांड में भरोसा जताते हुए सोनिया गांधी को मां तुल्य बताया. हालांकि अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए तंवर ने कहा कि मेरा मसीहा ही मेरा कातिल है!


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