Haryana Elections: हरियाणा की इन 6 सीटों पर BJP-Congress की सीधी लड़ाई, राम-राव की जोड़ी कर रही कमाल तो अटेली में भिड़े 3 दल
Haryana Elections: रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ की सात में से छह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई है और सातवीं सीट है अटेली विधानसभा जहां पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है.
Haryana Elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के मतदान की तारीख नजदीक आ चुकी है. अगले हफ्ते राज्य में नई सरकार चुनने के लिए वोटिंग होनी है. उससे पहले सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए चुनावी सभाएं कर रहे हैं. इस बार राज्य में बीजेपी कांग्रेस की सीधी टक्कर है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तो एक चुनावी रैली में नायब सैनी को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा भी कर दी.
भले ही अमित शाह नायब सैनी को सरकार बनने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बनाने की बात बोल गए हों, लेकिन अहीरवाल बेल्ट (रेवाड़ी और महेंद्रगढ़) की विधानसभाओं के रिजल्ट के बाद ही इसको लेकर कुछ फैसला लिया जा सकेगा, जिसमें सबसे खास सीट अटेली है. यहां से भाजपा प्रत्याशी आरती राव हैं.
अटेली से उम्मीदवार आरती राव की जीत से ही केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत के हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर बैठने की राह प्रशस्त मानी जा रही है. रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ की सात में से छह विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई है और सातवीं सीट है अटेली विधानसभा जहां पर मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है.
ब्राह्मण और यादव फैक्टर
अटेली विधानसभा की बात करें तो यहां ब्राह्मण और यादव गठबंधन छाया हुआ है. हरियाणा में भाजपा को ऊपर लाने वाले प्रोफेसर रामबिलास शर्मा इस समय राव इंद्रजीत सिंह के साथ आरती राव के लिए जोरदार प्रचार में लगे हैं. यहां पर कांग्रेस उम्मीदवार अनीता यादव भी जोश में हैं. भले ही अटेली सीट यादव बहुल सीट है, लेकिन यहां से इनेलो-बसपा प्रत्याशी ठाकुर अत्तरलाल जमीनी स्तर पर मजबूत दिखाई दे रहे हैं. अतरलाल बीते विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी बनाकर बेहतर रिजल्ट दे गए थे.
तगड़ी टक्कर दे रहे सभी दल
इनेलो और बसपा से अत्तरलाल पांच साल से इस विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं और सियासी माहौल भी उनके पक्ष में माना जा रहा है. वहीं आम आदमी पार्टी से सुनील राव जजपा-आसपा से अभिमन्यु राव चुनाव में उतरे हैं. इस सीट की खासियत यह है कि यहां पर 60 फीसदी जनता यादव और पिछड़े समाज से है तो वहीं 15 फीसदी ब्राह्मण सहित सवर्ण मतदाता हैं, जिनके गठजोड़ में राम और राव की जोड़ी लगी हुई है.
आरती राव के प्रचार में लगे रामबिलास शर्मा
महेंद्रगढ़ विधानसभा की बात करें तो यहां भी मुकाबला काफी रोमांचक हो गया है. वैसे तो यह रामबिलास शर्मा की पारंपरिक सीट है, लेकिन वह यहां से नहीं बल्कि अटेली सीट पर आरती राव के लिए प्रचार में लगे हुए हैं. यहां से भाजपा के उम्मीदवार कंवर सिंह यादव है और कांग्रेस के रावदान सिंह आमने-सामने है. कांग्रेस और भाजपा अपनी अपनी राजनीति के अनुसार महेंद्रगढ़ विधानसभा सीट को सेफ सीट लेकर चल रही है.
किसानों को नाराजगी है
बात करते हैं नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र की तो यहां पर नायब सिंह सैनी के सिंचाई मंत्री डॉ अभय सिंह यादव भाजपा के प्रत्याशी हैं तो वहीं कांग्रेस से मंजू चौधरी के साथ उनका तगड़ा मुकाबला होगा. तगड़ा मुकाबला इसलिए देखने को मिलेगा क्योंकि सिंचाई मंत्री होने के बावजूद भी कई ऐसे गांव हैं जहां पर नहरी पानी नहीं पहुंच सका है, जिससे किसानों को नाराजगी भी है. वहीं यहां पर जलस्तर भी काफी नीचे जाता जा रहा है. 2009 में जब से नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्र बना है तब से यहां पर कभी भी कांग्रेस प्रत्याशी नहीं जीत सका है.
यहां हमेशा जीतता आया अहीर उम्मीदवार
नारनौल सीट पर बीजेपी से हरियाणा के मंत्री रहे ओम प्रकाश यादव मैदान में उतरे हैं और उनको टक्कर देने के लिए कांग्रेस के राव नरेंद्र सिंह उतरे हैं. यह भी सीट भाजपा अपने लिए सेफ मानकर चल रही है. रेवाड़ी विधानसभा की बात करें तो यहां से भाजपा के लक्ष्मण यादव मैदान में उतरे हैं तो वहीं कांग्रेस ने चिरंजीव राव को टिकट दिया है. यहां पर हमेशा से अहीर प्रत्याशी ही जीतता आया.
कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए कृष्ण कुमार उतरे मैदान में
बात करें कोसली विधानसभा सीट की तो यहां पर अनिल डहिना भाजपा से मैदान में उतरे हैं तो वहीं जगदीश यादव कांग्रेस से उन्हें सीधी टक्कर दे रहे हैं. वैसे तो कोसली विधानसभा क्षेत्र पारंपरिक रूप से लक्ष्मण यादव का रहा है, लेकिन भाजपा ने इस बार उन्हें रेवाड़ी से मैदान में उतारा है. वही बवाल सीट की बात करें तो यहां से कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए कृष्ण कुमार को भाजपा ने मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने डॉक्टर एमएल रंगा को प्रत्याशी बनाया है जो 2000 में बनी इनेलो सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे.
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