हरियाणा में नहीं चला जलेबी फैक्टर: राहुल गांधी ने जिक्र छेड़ बनाया था मुद्दा पर BJP ने मार लिया असल मैदान!
Haryana Elections Jalebi Factor: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जलेबी पर खूब दांव चला, लेकिन ये फॉर्मूला कारगर नहीं रहा. क्या है ये जलेबी फैक्टर आइये समझते हैं.
Haryana Elections Jalebi Factor: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जलेबी शब्द पर खूब दांव लगाया, लेकिन रुझानों ने बता दिया कि ये दांव कारगर नहीं रहे. इन जलेबियों के बारे में राहुल गांधी ने अपने भाषणों में भी कई बार जिक्र किया, लेकिन रुझानों के आते ही भाजपा ने कांग्रेस का खूब मजाक बनाया.
हरियाणा चुनाव के शुरुआती रुझानों में कांग्रेस को बढ़त दिखी तो दिल्ली में मौजूद कांग्रेस कार्यालय में जमकर जलेबी बांटी गई. पार्टी कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया, लेकिन बाद के रुझानों में भाजपा ने वापसी कर ली और कांग्रेस से आगे निकल गई. अब भाजपा के जश्न मनाने की बारी थी और वे योजना बना रहे थे कि इस जश्न को कैसे मनाया जाए. इसके बाद भाजपा मुख्यालय में जीत को सेलिब्रेट करने के लिए जलेबियां मंगाई गई और कांग्रेस को तगड़ा संदेश दिया गया.
क्या बोले थे राहुल गांधी
चुनाव प्रचार के दौरान गोहाना में राहुल गांधी ने वहां की मशहूर मातूराम हलवाई की जलेबी का डिब्बा दिखाया और कहा कि इसे पूरे देश में बेचा जाना चाहिए और निर्यात भी किया जाना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा था कि इससे रोजगार के ज्यादा अवसर पैदा होंगे. फिर ये हलवाई की दुकान फैक्ट्री में बदल जाएगी और इसमें 20 से 50 हजार लोग काम कर सकते हैं. राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि मातूराम जैसे व्यापारियों को नोटबंदी और जीएसटी की वजह से नुकसान हुआ है.
राहुल गांधी अपना होमवर्क ठीक से नहीं करते - रविशंकर प्रसाद
बस फिर क्या था… राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने खूब चुटकी ली. भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनको भी गोहाना जलेबी पसंद है. वह बोले कि राहुल गांधी अमेरिका में फैक्ट्री लगाने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह समझना होगा कि जलेबी कैसे बनती है और कैसे बेची जाती है. बेहतर होता कि उनके लिए चिट लिखने वालों ने इसे ठीक से लिखा होता. उन्होंने तो ये तक कह डाला की राहुल गांधी अपना होमवर्क ठीक से नहीं करते हैं.
पीएम मोदी ने भी किया था मातूराम की जलेबी का जिक्र
जानकर हैरानी होगी कि गोहाना की जलेबी के बारे में पीएम मोदी कई महीनों पहले अपने भाषण में बताया था. इंडी गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि विपक्षी गुट के पास एक फॉर्मूला है कि अगर वे सत्ता में आए तो पांच साल में पांच प्रधानमंत्री होंगे. उनसे पूछिए कि क्या प्रधानमंत्री का पद हमारी मातूराम की जलेबी है? दरअसल, मातूराम की जलेबी की दुकान 1958 में शुरू हुई थी. इसकी एक जलेबी का वजन 250 ग्राम का होता है और एक डिब्बे में एक किलो जलेबी आ जाती है.
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