नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों की अनदेखी से नाराज कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल, अशोक तंवर को हरियाणा विधानसभा चुनाव में एक भी टिकट नहीं दी गई है. अशोक तंवर अपने समर्थकों के लिए 15 टिकट मांग रहे थे लेकिन जब टिकटों की घोषणा हुई तो तंवर के हिस्से में एक भी सीट नहीं आयी.
बता दें कि इससे पहले अशोक तंवर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि मैं जितने भी पदों हूं, मुझे सभी पदों से मुक्त कर दिया जाए और मैं एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी के लिए काम करूंगा. अशोक तंवर ने कहा कि दुख की बात ये है कि पार्टी के अंदर ही ऐसी ताकते हैं जिन्होंने पार्टी का विरोध किया और जमीन पर काम करने वालों को रोका गया. ब्लॉक अध्यक्ष या फिर जिला अध्यक्ष तक मुझे नहीं बनाने दिया गया. मेरे साथी गुटबाज़ी की भेंट चढ़ गए.
अशोक तंवर ने सोनिया गांधी को यह भी कहा था कि हरियाणा कांग्रेस अब हुड्डा कांग्रेस में तब्दील हो चुकी है. पांच साल मैं हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष रहा लेकिन मुझे ब्लॉक अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष तक नियुक्त नहीं करने दिए गए क्योंकि कुछ व्यक्तियों के स्वार्थ उसमें शामिल थे. हरियाणा की राजनीति में कुछ ऐसे राजघराने हैं जिन्होंने आम परिवारों के युवाओं को आगे नहीं आने दिया कुछ ऐसे घराने कांग्रेस में हैं और कुछ बाक़ी राजनीतिक दलों में हैं.
तंवर ने दिल्ली में किया था शक्ति प्रदर्शन
तीन दिन पहले नाराज़ तंवर ने अपने समर्थकों के साथ राजधानी दिल्ली में सोनिया गांधी के घर के बाहर शक्ति प्रदर्शन किया था. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की था. इस दौरान तंवर ने कहा कि यह राजनीतिक हत्या करने का प्रयास हो रहा है. सोनिया गांधी ने हमेशा न्याय किया है और मुझे उम्मीद है कि हमें भी न्याय मिलेगा.