Haryana Polls 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शोर सिर चढ़ कर बोल रहा है. इसी बीच कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा की चर्चा में हैं. हरियाणा कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर विवाद के चलते प्रचार अभियान से दूर चल रहीं कांग्रेस महासचिव और सांसद कुमारी शैलजा को मना लिया गया है. इससे पहले शैलजा के लिए कहा जा रहा था कि वह कांग्रेस के एक कार्यक्रम में अपने लिए जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल से नाराज हैं और इस वजह से ही हरियाणा विधानसभा चुनाव के कैंपेन में शामिल नहीं हो रही हैं.
शैलजा का समर्थन करके क्या बीजेपी ने मुंह की खाई है?
कुमारी शैलजा के कांग्रेस ने नाराजगी के बीच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया था. वहीं, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने कहा, "हम चाहते हैं कि वह मुख्यमंत्री बनें. यदि वह मुख्यमंत्री बनती हैं, तो हरियाणा की पहली महिला मुख्यमंत्री होंगी, और यह एक अहम और सकारात्मक कदम होगा."
कयास तो यहां तक लगाए जा रहे थे कि कुमारी शैलजा 25 सितंबर को बीजेपी ज्वाइन कर सकती हैं, लेकिन इससे पहले कांग्रेस कुमारी शैलजा को मनाने में कामयाब रही. बीते दिन उनसे सवाल किया गया कि बीजेपी आप पर डोरे क्यों डाल रही है. इसके जवाब में उन्होंने कहा, "बीजेपी कोई डोरे नहीं डाल रही है, क्योंकि मैं चुप थी इसलिए वो कुछ-कुछ बातें करने लग गए. ऐसी को बात नहीं है. पता उनको भी है. ये उनको भी मालूम है और सभी को मालूम है कि शैलजा कांग्रेसी है."
कौन सी वजह से कुमारी शैलजा को इतनी तरजीह?
कुमारी शैलजा दलित वर्ग से आती हैं. हरियाणा में 20.2 फीसदी दलित वोटर हैं. जिस पार्टी के पक्ष में ये वोट चला जाए वह सीधे सत्ता को हासिल कर सकता है. कांग्रेस की बड़ी नेता और वोटरों पर मजबूत पकड़ है और स्थानीय मुद्दों की गंभीर समझ रखती हैं.
हरियाणा में दलित पॉलिटिक्स की इन दिनों धुरी बन चुकी हैं कुमारी शैलजा. बीजेपी और कांग्रेस दोनों उन्हें अपने साथ रखने की कवायद में जुटे हैं. हालांकि शैलजा ने बीजेपी के ऑफर को ना कह दिया है. गांधी परिवार की करीबी हैं. कुमारी शैलजा का अपना कैडर वोट है. कांग्रेस के सोशल इंजीनियरिंग के तहत कुमारी शैलजा को हुड्डा कैडर पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.