HD Kumar Swamy: राजनीति हो या फिर फिल्म जगत या फिर और कोई क्षेत्र. हर जगह परिवारवाद-वंशवाद का टैग आसानी से देखने को मिल जाता है. दक्षिण के प्रमुख राज्य कर्नाटक विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने वाली प्रमुख पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी ने बड़ा एलान किया है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री हरदनहल्ली देवेगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी ने घोषणा की है कि उनके पुत्र निखिल कुमार अब अगले पांच साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे.
एचडी कुमार स्वामी और राजनीति से उनका पारिवारिक नाता
एचडी कुमार स्वामी को उनके जानने वाले और राजनीतिक गलियारे में कुमार अन्ना के नाम से भी पुकारते हैं. कुमार स्वामी का परिवार कर्नाटक का बड़ा राजनीतिक और फिल्मी दुनिया का परिवार माना जाता है. राजनीति के अलावा कुमार बड़े फिल्म प्रोड्यूसर, वितरक भी रहे हैं. अब उनका बेटा निखिल कुमार फिल्म एक्टर भी है. इसके साथ वह परिवार के तीन स्टूडियो का विजनेस भी देखते हैं.
कुमार स्वामी के पिता एवं जनता दल (एस) के वरिष्ठ नेता एचडी देवेगौड़ा भारत के 12वें प्रधानमंत्री बने थे. वह 1 जून 1996 से लेकर 21 अप्रैल1997 तक देश के प्रधानमंत्री रहे. इसके अलावा कर्नाटक के हरदनहल्ली गांव में ब्रिटिश शासनकाल 1933 में पैदा हुए एचडी देवेगौड़ा 1994 से लेकर 1996 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रहे थे.
क्या एलान किया कुमार स्वामी ने अपने बेटे के बारे में
कुमार स्वामी ने 23 मई 2018 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. 23 जुलाई 2019 को विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद के इनकी सरकार गिर गई थी. इसके बाद कर्नाटक में बीजेपी की सरकार बन गई थी. मगर अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ-साथ जेडीएस को कांग्रेस के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. 224 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस ने 136 सीटें हासिल की थीं. वहीं बीजेपी 65 और जेडीए मात्र 19 सीटों पर सिमट गई थी.
अब लोकसभा चुनाव से पहले जेडीएस के नेता एचडी कुमार स्वामी ने एलान किया है कि उनका बेटा निखिल कुमार अब फिल्म लाइन में अपना करियर बनाएगा. वह स्टूडियो कंपनी देखने के साथ एक्टिंग पर ध्यान लगाएगा. कुमार स्वामी ने स्पष्ट कहा कि निखिल कुमार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा. हमने उसे सलाह दी है कि वह अपना करियर फिल्मों में बनाए. उसके पास गॉड गिफ्टेड टैलेंट है. वह अपने तीन स्टूडियो को देखेगा और उसी क्षेत्र में अपनी क्षमताओं को निखारेगा. अगले पांच साल तक वह लोकसभा तो क्या कोई भी चुनाव नहीं लड़ेगा.