कोलकाता/नई दिल्ली: कल दिन भर सत्तापक्ष और विपक्ष में खूब जुबानी तीर चले. कोलकाता में टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के नेतृत्व में करीब 23 दलों ने महारैली में भाग लिया. इस दौरान सभी के निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह थे. सब ने एक सुर में कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली की गद्दी से उखाड़ फेंकना है. तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद दादर और नगर हवेली के सिलवासा से विपक्ष पर गरजे. तो बीजेपी ने नई दिल्ली में विपक्ष से पूछा कि मोदी के मुकाबले प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन है?


सिलवासा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्ष का महाग‍ठबंधन को लोगों के खिलाफ है. जिसके ठीक बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि वह (मोदी) ‘नवाब’ नहीं हैं और हम उनके गुलाम नहीं हैं जो उनकी धुन पर नाचेंगे.” उन्होंने महारैली के बाद चाय पार्टी में कहा, “हम इस देश के स्वतंत्र नागरिक हैं. वह चाहते हैं कि हम उनके नौकर बन जाएं, लेकिन हम नहीं बनेंगे.”


चाय पार्टी में मौजूद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पीएम मोदी के बयान पर कहा, “हम सिर्फ इस देश के लोगों के गुलाम हैं.” कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलवासा में कहा था, "वे सही तरीके से संगठित भी नहीं हुए हैं, लेकिन अपने हिस्से (सीटों) के लिए सौदेबाजी करने लगे हैं. वे अपने वजूद की रक्षा के लिए समर्थन चाहते हैं, लेकिन हम देश को आगे ले जाने के लिए आपका समर्थन चाहते हैं."


उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम से अनेक लोग नाराज हैं, लेकिन उनको इसकी कोई चिंता नहीं है, क्योंकि उन्होंने सार्वजनिक धन की लूट पर रोक लगाई है. उन्होंने कहा कि उनकी कार्रवाइयों के विरोध में विपक्ष ने आगामी आम चुनाव के लिए महागठबंधन बनाया है.


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इससे पहले ममता बनर्जी की रैली में दिग्गज नेताओं ने शिरकत की. जनसैलाब की मौजूदगी में हुई इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल सेक्यूलर प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, तीन वर्तमान मुख्यमंत्री - चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी), एचडी कुमारस्वामी (जनता दल सेक्यूलर) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), छह पूर्व मुख्यमंत्री - अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला (दोनों नेशनल कांफ्रेंस), बाबूलाल मरांडी (झारखंड विकास मोर्चा), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और इसी हफ्ते भाजपा छोड़ चुके गेगांग अपांग, आठ पूर्व केंद्रीय मंत्री- मल्लिकार्जन खड़गे (कांग्रेस), शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल), अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और राम जेठमलानी ने हिस्सा लिया.


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इनके अलावा, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्रा, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और जानेमाने दलित नेता एवं गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी मंच पर नजर आए.