Hijab Row: आयरलैंड का हवाला देकर Modi सरकार पर Asaduddin Owaisi का निशाना, कहा- कर्नाटक की बच्चियों से तकलीक क्यों?
Hijab Row: असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, 2019 में आयरलैंड ने पुलिस वर्दी में हिजाब और पगड़ी की इजाजत दी थी. मोदी सरकार ने फैसले को प्रवासी भारतीयों के हित में बताते हुए उसका स्वागत किया था.
Asaduddin Owaisi Attacks Modi Government: हिजाब मामले पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आयरलैंड का हवाला देकर मोदी सरकार पर हमला बोला है.
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट में लिखा, 2019 में आयरलैंड ने पुलिस वर्दी में हिजाब और पगड़ी की इजाजत दी थी. मोदी सरकार ने फैसले को प्रवासी भारतीयों के हित में बताते हुए उसका स्वागत किया था. अगर आयरलैंड के लिए ये ऐतिहासिक था तो कर्नाटक की बच्चियों से तकलीक क्यों? उनकी डिग्निटी की धज्जियां क्यों उड़ाई जा रही हैं?
2019 में आयरलैंड ने पुलिस वर्दी में हिजाब और पगड़ी की इजाज़त दी थी।मोदी सरकार ने फ़ैसले को प्रवासी भारतीयों के हित में बताते हुए उसका स्वागत किया था।अगर आयरलैंड के लिए ये “ऐतिहासिक” था तो कर्नाटक की बच्चियों से तकलीफ़ क्यूँ? उनकी dignity की धज्जियाँ क्यूँ उड़ाई जा रही हैं? pic.twitter.com/SDzjCaRK2F
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) February 15, 2022
कर्नाटक हिजाब मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. कई राजनीतिक पार्टियां स्कूल-कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने की वकालत कर रही हैं. वहीं सत्ताधारी बीजेपी ने स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म की हिमायत की है.
कर्नाटक हिजाब मामले पर आज मंगलवार को भी हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई दोपहर 2.30 बजे शुरु होगी. इससे पहले सोमवार को जस्टिस कृष्णा दीक्षित की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की थी. जस्टिस दीक्षित ने इस मामले को हाईकोर्ट के तीन जजों की बड़ी बेंच के पास भेज दिया. हाईकोर्ट में कहा कि सरकार सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने की आड़ में मौलिक अधिकारों को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है.
सोमवार को सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि कॉलेज विकास समिति (सीडीसी) के पास वर्दी पर नियम बनाने के लिए कोई कानूनी वैधानिक आधार नहीं है. हिजाब पहनना इस्लामी आस्था का एक अनिवार्य अभ्यास है. जहां तक मुख्य धार्मिक प्रथाओं का संबंध है, वे अनुच्छेद 25(1) से आते हैं और यह पूर्ण नहीं है.
सुनवाई के दौरान एक वकील ने मुद्दे पर मीडिया और सोशल मीडिया टिप्पणियों को प्रतिबंधित करने के लिए एक आवेदन का उल्लेख करते हुए कहा कि क्योंकि अन्य राज्यों में चुनाव चल रहे हैं इस वजह से चुनाव तक मामले को स्थगित कर दिया जाए. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि अगर चुनाव आयोग यह अनुरोध करता है या कुछ अधिकारी तो हम इस पर विचार कर सकते हैं.
कैसे शुरू हुआ विवाद
हिजाब का विवाद उडुपी के महाविद्यालय में सबसे पहले तब शुरू हुआ था जब छह लड़कियां पिछले साल दिसंबर में हिजाब पहनकर क्लास में आईं और उनके जवाब में महाविद्यालय में हिंदू विद्यार्थी भगवा गमछा पहनकर आने लगे. धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया.
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