देहरा के चुनावी 'रण' में दिलचस्प है युवाओं का रुझान, 12 उम्मीदारों ने भरा है नामांकन, जानिए सबसे छोटी उम्र का प्रत्याशी कौन?
Himachal Assembly Election: किसी बड़े राजनीतिक दल से टिकट पाने की चाहत रखने वाले इन दोनों युवाओं को जब कहीं टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर गए.
Himachal Assembly Election: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की चुनावी तारीखों का ऐलान हो चुका है. इस पहाड़ी राज्य में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा, जबकि आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी. इस बीच कांगड़ा जिले के अंतर्गत आने वाली देहरा विधानसभा सीट काफी चर्चा में है. दरअसल, देहरा से इस बार 12 युवा प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, जिनमें से दो प्रत्याशी महज 25 और 26 साल के हैं.
विधानसभा चुनाव में राजनीति की तरफ युवाओं के बढ़ते रुझान से राज्य में युवाओं के मुद्दे उठाने की बातें शुरू हो गई हैं. यहां से सबसे कम उम्र के प्रत्याशी 25 साल के ईशान शर्मा हैं, जो ढलियारा वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं. वहीं 26 साल के वरुण कुमार भी चुनावी मैदान में हुंकार भर रहे हैं.
विधायकी के लिए नामांकन भरने वाले ईशान शर्मा और वरुण कुमार देहरा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी हैं. बता दें कि इस बार देहरा विधानसभा से कुल 12 प्रत्याशियों ने नामांकन भरा है. हालांकि किसी बड़े राजनीतिक दल से टिकट पाने की चाहत रखने वाले इन दोनों युवाओं को जब कहीं टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर गए.
समाज सेवा करना उद्देश्य
निर्दलीय प्रत्याशी वरुण कुमार पेशे से वकील हैं और राजनीति में समाज सेवा के उद्देश्य से आए हैं. वरुण कुमार के मुताबिक उनका देहरा विधानसभा में स्वास्थ्य, शिक्षा और गावों में सड़क बनाने पर ज्यादा जोर रहेगा. इसके अलावा दोनों युवाओं ने चुनाव को देखते हुए अपने लिए प्रचार भी करना शुरू कर दिया है.
देरहा का 'रण'
बता दें कि देहरा विधानसभा सीट से इन दोनों युवाओं के अलावा बीजेपी, कांग्रेस, बसपा और आम आदमी पार्टी ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. कांग्रेस से डॉ राजेश शर्मा, बीजेपी से रमेश धवाला, बसपा से हरबंस सिंह और 'आप' से बलजीत सिंह ने अपना नामांकन भरा है. वहीं, इन सभी के अलावा एक महिला सहित 7 निर्दलीय कैंडिडेट भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
2017 के चुनाव में देहरा से होशियार सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर करीब चार हजार वोटों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जबकि बीजेपी के रविंदर सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे. यानी कि इस बार के चुनाव में भी निर्दलीय प्रत्याशियों के सामने बीजेपी और कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी.
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