2017  में हिमाचल विधानसभा चुनाव में एकमात्र सीट जीतने वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) इस बार 11 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ेगी. वो पहले ही इसके लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है.


पिछली बार शिमला जिले के ठियोग विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में माकपा की जीत हुई थी. इस सीट से माकपा के राकेश सिंघा ने जीत दर्ज की थी. पिछली बार इस सीट पर कांग्रेस में पार्टी के अदंर ही फूट थी जिसका फायदा माकपा को मिला था. इस बार भी कांग्रेस और भाजपा दोनों गुटबाजी से ग्रसित है और इसी कारण माकपा इस सीट पर एक बार फिर अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रही है.


माकपा के एक नेता ने इंडियन एक्प्रेस को बताया कि वामपंथी पार्टी के पास विधानसभा सीट जीतने के लिए पर्याप्त जनाधार नहीं है, लेकिन राज्य भर में इसके कार्यकर्ता हैं. शिमला में इसके कार्यकर्ता काफी हैं.


2017 से पहले, सीपीआई (एम) ने आखिरी बार 1993 में हिमाचल में एक विधानसभा सीट जीती थी, जब सिंघा फिर से शिमला से विजयी हुए थे. हालांकि, वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे, क्योंकि उन्हें एक हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था.


हालांकि, सीपीआई (एम) ने शिमला नगर निगम सहित अन्य कई चुनावों में जीत हासिल की है. 2012 में, इसने एक निगम चुनाव में महापौर और उप महापौर दोनों पदों पर कब्जा कर लिया था.


किन-कन सीटों पर CPM ने उतारे उम्मीदवार


जिन 11 सीटों के लिए माकपा ने उम्मीदवारों को उतारने का फैसला किया है, उनमें ठियोग विधानसभा शामिल है, जहां सिंघा उम्मीदवार हैं. मंडी विधानसभा से महेंद्र राणा माकपा के उम्मीदवार हैं. यह वही सीट है जहां भाजपा के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं. इसके आलावा शिमला (शहरी) सीट, जहां से पार्टी का उम्मीदवार शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवार हैं.


कसुमापति विधानसभा सीट से पार्टी ने पूर्व आईएफएस अधिकारी और किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर को मैदान में उतारा है. जुब्बल-कोठकाई सीटसे इसके उम्मीदवार किसान नेता विशाल शंकटा हैं. अन्नी सीट से देवकी नंद, करसोग से किशोरी लाल, कुल्लू से होतम सिंह सोनखला, कुशल भरद्वाज हमीरपुर सीट से और पच्छाद विधानसभा सीट से माकपा के उम्मीदवार आशीष कुमार हैं.