Himachal Pradesh Assembly Elections 2022: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Elections) को लेकर सरगर्मियां तेज हैं. सभी पार्टियां जनता को लुभाने और चुनाव में जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इन सबके बीच अब राजनाथ सिंह के एक बयान ने सियासी गर्मी का पारा और बढ़ा दिया है. Pok को लेकर उनके जिक्र के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या PoK में कुछ बड़ा होने वाला है. अब चुनाव से पहले पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को हासिल करने का मुद्दा यहां गर्माने लगा है. 


हिमाचल प्रदेश के चुनाव में चारों तरफ कश्मीर की चर्चा हो रही है. केवल राजनाथ सिंह ही नहीं जेपी नड्डा से लेकर योगी आदित्यनाथ तक यहां PoK का मुद्दा उठा चुके हैं. इन कयासों को मजबूती देने का काम श्रीनगर में चिनार कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ADS औजला ने किया. उन्होंने भी इसे लेकर बयान जारी किया था. उनका कहना था कि भारतीय सेना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के शेष हिस्सों पर फिर से कब्जा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. सेना को सिर्फ सरकार के आदेश का इंतजार है. ऐसे में अब 


राजनाथ सिंह बार-बार उठा रहे PoK का मुद्दा! 


हिमाचल के कांगड़ा में प्रचार के लिए पहुंचे राजनाथ सिंह के सामने जनता ने पीओके- पीओके के नारे लगाए. इस पर राजनाथ मुस्कुरा दिए और कहा- धैर्य रखिए, धैर्य रखिए. केवल कांगड़ा में ही नहीं वह यह मुद्दा कश्मीर में बडगाम के शौर्य दिवस पर भी उठा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कहा था कि PoK के साथ जो पाकिस्तान ने किया है, उसे उसकी कीमत भुगतनी पड़ेगी. उनकी ऐसे बयानों के बीच हिमाचल में चुनाव से पहले सवाल उठने लगे हैं कि क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को लेकर कुछ बड़ा होने वाला है? 


समझिए हिमाचल का सैन्य समीकरण 


सियासत के इस सुर को समझने के लिए पहले हिमाचल का सैन्य समीकरण समझना जरूरी है. माना की हिमाचल में देश की आबादी का महज 1 प्रतिशत ही हो लेकिन, सेना में 7 प्रतिशत जवान हिमाचल के ही हैं. ऐसे में पूर्व सैनिकों और जवानों की एक बड़ी तादाद हिमाचल में रहती है, जो चुनाव पर असर डालती है. यही कारण है कि यहां सेना से जुड़े मामलों को मुद्दा बनाकर चुनाव के दौरान हमेशा से ही उठाया जाता रहा है. 


क्या नेता कर रहे जनता को लुभाने की कोशिश


हिमाचल प्रदेश में नेताओं को अक्सर सेना से जुड़े मुद्दे उठाते हुए देखा गया है. चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस. यही कारण है कि प्रियंका गांधी ने भी इस मौके को गंवाना सही नहीं समझा. उन्होंने भी अपने हिमाचल दौरे के दौरान मंच से कहा था कि आपकी रगों में शहीदों का खून है, मैं भी एक शहीद की बेटी हूं. ऐसे में अब सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या यह महज हिमाचल की जनता को लुभाने का एक तरीका है.  


हिमाचल में चुनाव प्रचार का आखिरी चरण 


हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रचार का आखिरी चरण चल रहा है. हिमाचल की 68 सीटों पर 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 8 दिसंबर को गुजरात के साथ ही यहां भी नतीजे आएंगे. हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का मुख्य मुकाबला कांग्रेस के साथ है. राज्य में पिछले करीब साढ़े तीन दशक से हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन देखा गया है. 


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