Himachal Pradesh Govt : राज्यसभा चुनाव से ये साफ हो चुका है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास सरकार बचाने की चुनौती भी है. हालांकि, सुक्खू ने बागी विधायकों की वापसी की उम्मीद जताई है. इस पूरे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस आलाकमान भी एक्टिव हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 'असंतुष्ट' विधायकों को मनाने का जिम्मा भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को सौंपा है.
इस घटनाक्रम के बीच बीजेपी ने कहा है सरकार अल्पमत में है. वित्त बिल को भी विधानसभा में वोटिंग के आधार पर पास नहीं किया गया. इसे वॉयस नोट के आधार पर पास करना पड़ा. माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के विधायक बीजेपी के संपर्क में और अगर ऐसा है तो राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर सकती है. हालांकि, यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस के विधायक बीजेपी में चले गए हों और बीजेपी ने सरकार बनाई हो. 2014 से अब तक कई बार ऐसा हो चुका है.
बिहार में महागठबंधन की सरकार गिरी
हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने विधायकों के साथ इंडिया अलांयस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके चलते बिहार में महागठबंधन की सरकार गिर गई थी और फ्लोर टेस्ट के दौरान आरजेडी के कुछ विधायक भी सरकार के पक्ष में खड़े दिखे.
2022 में महाराष्ट्र में गिरी उद्धव सरकार
इससे पहले 2022 में भी महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिरी थी. उस समय एकनाथ शिंदे 16 विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए थे. बाद में उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.
2020 में गिरी कमलनाथ सरकार
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस ने कमलनाथ की अगुवाई में चुनाव लड़ा था. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 114 जीतकर सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. सरकार बनने के करीब 2 साल बाद कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से बगावत कर दी और वह 22 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गई. इसके चलते कांग्रेस की सरकार गिर गई और बीजेपी ने राज्य में फिर से सरकार बनाई.
कर्नाटक में पलटी सरकार
2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव बीजेपी ने 105 सीटें जीतीं, लेकिन वे बहुमत हासिल नहीं कर पाई. कांग्रेस 78 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर और जेडीएस 37 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रही. सबसे बड़े दल के नेता के रूप में बीएस येदियुरप्पा सीएम बने, लेकिन जब फ्लोर टेस्ट हुआ तो वो हार गए और इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद यहां कांग्रेस ने बड़ा दांव चला और जेडीएस को सीएम पद देकर सरकार बना ली. हालांकि, यह सरकार भी अधिक नहीं चल पाई. इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस के 17 विधायकों ने इस्तीफे दे दिया, जिससे बीजेपी बहुमत में आई और बीएस येदियुरप्पा फिर से मुख्यमंत्री बन गए.
बिहार में हुआ खेला
बिहार में 2015 में हुए चुनाव में महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल को 80 सीटें, जनता दल यूनाइटेड को 71 सीटें, कांग्रेस को 27 सीटें मिलीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी 53 सीटें पर ही जीत हासिल कर सकी थी. नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ ली. हाालंकि, सरकार बनाने के 2 साल बाद ही नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली.
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